दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: पिछले छह महीनो से ऑस्ट्रेलिया और चीन के कारोबारी विवाद में फंसकर कई भारतीय समेत 1400 नाविकों का जीवन संकट में फंस गया है। तक़रीबन 70 जहाजों में सवार ये नाविक चीन के बंदरगाहों पर फंसे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक जहाजों में करीब एक करोड़ टन कोयला भरा है जिसे चीन बंदरगाहों पर उतरने नहीं दे रहा है। भारतीय नाविक वीरेंद्र सिंह भोंसले भी चीन के पूर्वी तट पर अपने जहाज जग आनंद पर 23 साथियों के साथ अघोषित कैद में हैं।
हालाँकि वीरेंद्र के जहाज पर ऑस्ट्रेलिया से आया 1.6 लाख टन कोयला लदा है। जब तक कोयला उतारा नहीं जाता, नियमों के तहत वे जहजों को छोड़कर नहीं जा सकते। उनके साथियों की शारीरिक और मानसिक हालात लगातार खराब हो रही है। एक के पिता का निधन भारत में हो गया है। मां कैंसर से जूझ रही है। कुछ साथी डायबिटीज और हाइपरटेंशन के रोगी हैं। दवाएं खत्म हो रही हैं। जख्मी बिना इलाज के रह रहे हैं। वही जग आनंद से 31 मील दूर काओफेडियन बंदरगाह पर फंसे एनास्टासिया जहाज के नेविगशन जहाज के नेविगेशन अधिकारी गौरव सिंह ने बताया कि उनके अधिकतर नाविक केबिन से बाहर नहीं आ रहे हैं।
इस बारे में जानकर बताते है कि चीन कोरोना को लेकर पर्यावरण संरक्षण के बहाने बनाकर कोयल उतरने नहीं दे रहा। हालाँकि असली वजह आस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा वायरस की चीन से शुरुआत की जांच की मांग है। नवंबर में चीन के विदेश मंत्री ने दावा किया कि वह किसी जहाज को रोक नहीं रहा है, जो जहाज रूके हैं उनकी वजह व्यापारिक हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने पर्यावरण कानूनों का बहाना भी बनाया है।