अयोध्या(व्हीएसआरएस न्यूज) अयोध्या की रामनगरी में आज विश्व श्रीराम सामाजिक संगठन की टीम पहुंची। राष्ट्रीय अध्यक्ष लालबाबू गुप्ता के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारी रामलला का दर्शन लिया और पूजा अर्चना की। इसके बाद सबसे बडे रामभक्त हनुमान की हनुमानगढ़ी पहुंचे। वहां पवनसूत हनुमान का दर्शन किया। रामलला का घर के निर्माण कार्य में अपना सहयोग देते हुए सर्मपण निधि श्रीराम के चरणों में सर्पित की। इस अवसर पर दसरथ गद्दी महन्त श्री बृजमोहन दास जी महाराज,राजकुमार दास जी,कथाकार देवेंद्र दास जी,राष्ट्रीय गायक संदीप चतुर्वेदी,नीरज शाही,विनोद यादव,सत्यम द्विवेदी,चुनचुना तिवारी,पंकज रजक आदि मान्यर उपस्थित थे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष लालबाबू गुप्ता ने कहा कि अयोध्या में राममंदिर निर्माण कार्य भारत के स्वाभिमान का प्रतीक है। जिसे सैकडों वर्षों पहले विदेशी आक्रांताओं ने तोड दिया था। राम मंदिर हमारे शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा। दुनिया भर से लोग रामलला मंदिर निर्माण कार्य में अपना सहयोग स्वेच्छा अनुसार दे रहे हैं। इसी महान कार्य की नींव और मजबुत करने की दिशा में आज विश्व श्रीराम सेना की ओर से गुप्त सर्मपण निधि प्रभू को अर्पित की गई है। भविष्य में भी संगठन ऐसा ही सहयोग जारी रखेगा। रामलला के घर निर्माण कार्य में ज्यादा से ज्यादा लोग सहयोग करें ऐसी अपील लालबाबू गुप्ता ने लोगों से की।
श्री लालबाबू गुप्ता ने अपने गुप्त सर्मपण निधि के बारे में कहा कि प्रभू का सब कुछ,प्रभू को है अर्पण,क्या है मेरा क्या है तेरा,सब कुछ है प्रभू को देना। उन्होंने उस गिलहारी की कहानी बतायी जो रामसेतू निर्माण के वक्त समंदर में डूबकी लगाती फिर रेत में लोटपोट करके रामसेतू तक जाती थी,फिर ऐसा ही बार बार करती थी। जामवंत ने राम से पूछा कि प्रभू आखिरकार गिलहारी कर क्या रही है? प्रभू राम ने बताया कि रामसेतू निर्माण कार्य में अपना श्रमदान दे रही है। रामसेतू निर्माण कार्य के पत्थरों के बीच पड़े दरार को रेती से भरने का काम कर रही है। आज मैंने और विश्व श्रीराम सेना सामाजिक संगठन ने उसी गिलहारी की भूमिका अदा करने का प्रयास किया है। श्री लालबाबू गुप्ता ने आगे बताया कि हनुमानगढ़ी मंदिर में संकट मोचन हनुमानजी से प्रार्थना की है कि वैश्वीक महामारी कोरोना संकट विश्व से खत्म हो और संसार में सुख शांति बनीं रहे।
श्री लालबाबू गुप्ता कुछ समय तक अयोध्या रामनगरी में साधू संतों के बीच रहे। अयोध्या की पहचान युगों युगों से है लेकिन मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या विश्व विख्यात संस्कृति,धार्मिक,एतिहासिक धरोहर के रुप में तथा आधूनिक शहर के रुप में उभरेगा। 500 सालों की तमाम कानूनी संघर्ष,लडाई के बाद आज हमें रामलला मंदिर निर्माण कार्य करने का भव्य सौभाग्य प्राप्त हुआ। विश्व श्रीराम सेना आशा करता है कि जिस तरह प्रभू श्रीराम मंदिर निर्माण का सौभाग्य प्राप्त हुआ है उसी तरह मथूरा,काशी भी असामाजिक तत्वों के बंधन से मुक्त हो एवंम मथूरा में भगवान कृष्ण की भव्य मंदिर का निर्माण कार्य हो तथा काशी में भगवान भोलेनाथ का दिव्य मंदिर बनें ऐसी हमारी प्रभू के चरणों में प्रार्थना है। साथ ही भारत सरकार से आग्रह है कि राममंदिर की तरह मथुरा,काशी पर संज्ञान लेकर करोडों भक्तों की आस्था और विश्वास को साकार करें। ताकि भारत पुन:सोने की चिडिया व विश्वगुरु के रुप में विख्यात हो सके।