Pune News पुणे (व्हीएसआरएस न्यूज) केंद्रीय लोक सेवा आयोग का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया है। राजनीति विज्ञान में बीए करने के लिए पुणे आए मंगेश खिलारी ने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की।इस परीक्षा में पास होने वालों में सामान्य परिवारों के कई परीक्षार्थी हैं। इन्हीं में से एक हैं अहमदनगर जिले के मंगेश खिलारी। मंगेश संगमनेर तहसील के अहमदनगर जिले के सुकेवाडी गांव के एक 23 वर्षीय मंगेश के पिता चाय-वड़ा पाव की दुकान चलाते हैं और मां बीड़ी का काम करती हैं। मंगेश के पिता यूपीएससी परीक्षा के बारे में और इसके महत्व के बारे में जानते हैं। मंगेश ने यूपीएससी परीक्षा में 396वीं रैंक हासिल की है।
सुकेवाड़ी के रहने वाले हैं। उन्हें यूपीएससी में 396वीं रैंक मिली है। मंगेश के इस मुकाम तक पहुंचने की कहानी संघर्ष भरी रही है। उनके पिता एक चाय की छोटी सी दुकान चलाते हैं, जबकि मां बीड़ी कारखाने में मजदूरी करती हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि मंगेश की मां के लिए यह बहुत सामान्य बात है कि उनके बेटे ने यूपीएससी परीक्षा रिजल्ट में 396 रैंक हासिल की है क्योंकि उन्होंने कभी इस परीक्षा के बारे में नहीं सुना।
पिता के साथ चाय की दुकान में करते थे मदद
मंगेश ने कहा कि उनके माता-पिता बेहद खुश हैं। इन्होंने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया है। यह न केवल मेरे लिए, बल्कि मेरे परिवार और उन सभी के लिए भी एक सफलता है, जिन्होंने मेरी मदद की है। मराठी माध्यम के जिला परिषद स्कूल से पास हुए खिलारी अहमदनगर जिले में अपने पिता की चाय की दुकान पर उनकी मदद किया करते थे। हालांकि स्नातक दिनों के बाद से वह पुणे आ गए।
कई रूममेट्स के साथ रहते थे
पुणे में खिलारी कई रूममेट्स के साथ एक छोटा कमरा शेयर करते थे। उन्होंने कहा, ’मुझे छत्रपति शाहू महाराज अनुसंधान, प्रशिक्षण और मानव विकास संस्थान से छात्रवृत्ति मिली, जो एक बड़ी मदद थी। अपनी आय को पूरा करने और अपने माता-पिता पर बोझ न डालने के लिए, मैंने पिछले साल उस कोचिंग संस्थान में अंशकालिक शिक्षक के रूप में भी काम किया, जहां मैंने पढ़ाई की थी।’
मंगेश ने पुणे के एसपी कॉलेज से किया बीए
मंगेश ने अहमदनगर से स्कूलिंग करने के बाद पुणे के एसपी कॉलेज से बीए किया। यूपीएससी रिजल्ट 2022 आने के बाद पूरा गांव मंगेश खिलारी के घर पर उमड़ पड़ा। उन्होंने आगे कहा, ’अगर मुझे आईएएस कैडर नहीं मिला तो मैं अगली बार फिर कोशिश करूंगा।’
आर्थिक तंगी के चलते नहीं जा पाए आईआईटी
सुकेवाड़ी के मंगेश खिलारी की एक और विशेषता यह है कि उन्होंने 23 साल की उम्र में परीक्षा पास कर ली। मंगेश का कहना है कि उसके दो सपने थे। एक तो वह आईआईटी जाना चाहते थे। जबकि दूसरा यूपीएसी की परीक्षा देकर अधिकारी बनना चाहते थे। आर्थिक तंगी के चलते आईआईटी नहीं जा सके। इसलिए उन्होंने बड़ी लगन और मेहनत से यूपीएससी का रास्ता चुना। इसमें उन्हें दोस्तों और शिक्षकों का काफी सहयोग मिला।