पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा में फर्जी एफडीआर के दम पर करोडों रुपये का टेंडर हथियाने वाले ब्लैक लिस्ट 18 ठेकेदारों को अब बचाने के लिए महाभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान पालिका प्रशासन,स्थायी समिति,स्थानीय नेताओं के द्धारा चलाया जा रहा है। पालिका आयुक्त ने ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया,5 ठेकेदारों के विरुद्ध पुलिस विभाग में अपराध दर्ज करने का पत्र भेजा। लेकिन कई दिन बीतने के बाद भी अपराध दर्ज नहीं हुआ। इस प्रकरण को धीरे धीरे ठंडे बस्ते में डालने का काम हो रहा है। क्या है पर्दे के पीछे का खेल और 3.50 करोड का चढावा का मेल आओ संकेतिक शब्दों में बताने की कोशिश करते है। बाकी पब्लिक है सब जानती है।
इंजन को 1.50 करोड,डिब्बों को मिला 10-10 लाख
पालिका के गलियारों में ऐसी टिकाऊ चर्चा है कि ठेकेदारों को बचाने के लिए 3.50 करोड का चढ़ावा चढ़ाया गया है। इस चढ़ावे की रकम को आपस में बंदरबांट किया गया। इंजन को 1.50 करोड डिब्बों को 10-10 लाख रुपये नजराना मिला। अगर ठेकेदारों पर कार्रवाई होती है तो नजराना वापस करना पडेगा जो कोई वापस करने के लिए तैयार नहीं। ऐसी सुरत में पूरी जिम्मेदारी इंजन के गले में आती है। डिब्बे तो पटरी छोडकर आसानी से बाहर निकल जाएंगे। अब इंजन अकेला पड गया। बिगडते हालात को संभालने और पोल खुलने के डर से आयुक्त के सामने गिडगिडा रहा है कि मामले को रफा दफा करो।
चिंचवड के भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप ने इस प्रकरण को बाहर निकालने का काम किया। जनवरी 2020 से ही पत्रव्यवहार करके आयुक्त श्रावण हर्डीकर से ठेकेदारों के नाम उजागर करने और कार्रवाई की मांग कर रहे थे। राकांपा के विधायक अण्णा बनसोडे ने भी इस मामले में आयुक्त को पत्र सौंपा। फिर भी कई महीनों तक कार्रवाई नहीं हुई। मीडिया में जब यह प्रकरण सुर्खियां बटोरने लगा और स्थायी समिति में जगताप गुट ने भारी हंगामा व तोडफोड़ किए तो विवश होकर आयुक्त को 18 ठेकेदारों के नाम उजागर करना पडा। भोसरी के विधायक महेश लांडगे ने भी 18 ठेकेदारों पर कार्रवाई होने की मांग की है।
पुलिस विभाग ने पालिका से मांगा फरियादी
आयुक्त हर्डीकर ने पुलिस विभाग को 5 ठेकेदारों के नाम,पता,दोष से उल्लेखित एक पत्र भेजा है और अपराध दर्ज करने की मांग की है। पुलिस विभाग का कहना है कि गुनाह दर्ज करने के लिए पालिका की ओर से कोई अधिकारी भेजो। क्योंकि केवल पत्र के आधार पर गुनाह दर्ज कैसे करें। आखिर फरियाद देने वाला तो कोई चाहिए। लेकिन पालिका की ओर से कोई भी अधिकारी अभी तक फरियाद दर्ज कराने के लिए पुलिस विभाग में नहीं गया। अगर आयुक्त की नीति और नीयत साफ है तो पालिका की ओर से स्थापत्य विभाग से किसी जिम्मेदार अधिकारी,शहर अभियंता,कार्यकारी अभियंता को भेजना चाहिए।
पालिका एक दुधारु गाय
चुनावी वर्ष में हर कोई पैसा कमाने के चक्कर में घनचक्कर बनकर घूम रहा है। पिंपरी चिंचवड मनपा एक दुधारु गाय बन चुकी है। अधिकारी हो या पदाधिकारी,ठेकेदार हो नेता हर कोई दुध पीने के फिराक में लगा है। अब जो 3.50 करोड डकार गए हो और दोषी 18 ठेकेदारों को बचाने के लिए ऐढी चोटी का जोर लगा रहे हो तो भला न्याय की उम्मीद करना बेइमानी लगती है। पालिका का इतिहास रहा है कि आज तक किसी अधिकारी या ठेकेदार को सजा नहीं मिली। क्योंकि इनके पीछे राजनीतिक गॉडफादर होते है जो बचाने का काम करते है। ये गॉडफादर यूं ही नहीं बचाते दुधारु गाय का दुध उनके घर भी पहुंचाया जाता है।