गोरखपुर| व्हीएसआरएस न्यूज: गैंगस्टर रणधीर सिंह की 72 करोड़ की संपत्ति को जिलाधिकारी के आदेश पर सदर तहसीलदार ने कुर्क कर दिया। दोपहर में शाहपुर पुलिस व राजस्व विभाग की टीम के साथ पहुंचे तहसीलदार ने पहले डुगडुगी पिटवाकर आसपास के लोगों को सूचना दी। उन्होंने बताया कि गैंगस्टर रणधीर सिंह ने अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की है।
दुकानें, होटल और सभी चल-अचल संपति कुर्क
जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने गैंगस्टर के आरोपित रणधीर सिंह की चल-अचल संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दिया था। इसके लिए प्रबंधन का दायित्व सदर तहसीलदार डा. संजीव दीक्षित व नायब तहसीलदार राधेश्याम गुप्ता को सौंपा गया था।
मिली जानकारी अनुसार दोपहर में 12 बजे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सुमित्र महाजन के नेतृत्व में शाहपुर के एचएन सिंह चौराहे पर पहुंची टीम ने रणधीर सिंह की दुकानें, रुद्रा होटल व रेस्टोरेंट सहित सभी चल-अचल संपत्ति को कुर्क कर दिया।
शहर के बाद गांव पहुंची टीम
यहां से निकलने के बाद राजस्व विभाग की टीम कैंट क्षेत्र के दिव्यनगर कालोनी में पहुंची।रणधीर के मकान व जमीन को कुर्क किया। दोपहर बाद तहसीदार सदर खोराबार के सिक्टौर गांव में पहुंचे। डुगडुगी पिटवाकर स्थानीय लोगों को रणधीर सिंह की जमीन जब्त होने की जानकारी दी। तहसीलदार सदर डा. संजीव दीक्षित ने बताया कि डीएम के आदेश पर गैंगस्टर के आरोपित रणधीर की 72 करोड़ से अधिक कीमत की संपत्ति जब्त की गई है।
लापरवाही बरतने पर थानेदार निलंबित
पिपराइच के रमवापुर में पूर्व प्रधान और उनके समर्थकों के घर पर हुए हमले में थानेदार ने लापरवाही बरती थी।एसपी नार्थ की रिपोर्ट पर मंगलवार की रात में एसएसपी दिनेश कुमार पी ने पिपराइच थानेदार उपेन्द्र मिश्र को निलंबित कर दिया।सीओ की सर्किल बदले जाने की चर्चा है।रमवापुर अस्थायी पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर भी लापरवाही बरतने का आरोप है, जिसकी जांच च रही है।
आपको बताते चले की रमवापुर गांव में पांच जून की रात एक शादी समारोह में पूर्व प्रधान रामाकांत ङ्क्षसह के बेटों की किसी बात को लेकर वर्तमान प्रधान के प्रतिनिधि से कहासुनी हो गई थी। गांव के लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत करा दिया।कुछ देर बाद प्रधान प्रतिनिधि कमरूद्दीन ने अपने समर्थकों के साथ पूर्व प्रधान रमाकांत के घर पर धावा बोल दिया था।परिवार के सदस्यों की पिटाई करने के बाद दरवाजे पर खड़ी गाड़ी व घर का पूरा सामान तोड़ दिया।
वही आरोप है कि सूचना देने के बाद भी थानेदार मौके पर नहीं पहुंचे। एसएसपी को जब मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने गांव में फोर्स भेजा।घटना के अगले दिन मौके पर पहुंचे पिपराइच विधायक महेन्द्र पाल को स्वजन ने बताया कि थानेदार ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।एसएसपी दिनेश कुमार पी ने एसपी नार्थ मनोज अवस्थी से मामले की जांच कराई। आरोप सही मिलने पर थानेदार का निलंबित कर दिया। एहतियात के तौर पर गांव में दो प्लाटून पीएसी तैनात है।