लखनऊ । व्हीएसआरएस न्यूज : बढ़ते अपराध ने यूपी में आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है। प्रदेश में अपराधियों का खुलेआम तांडव चल रहा है और पुलिस मूक दर्शक बनी देख रही है। यही वजह है कि अब समाज को खबरें बतानेवाले पत्रकार व उनका परिवार भी सुरक्षित नहीं है। अभी करीब दो महीने पहले ही गाजियाबाद में बदमाशों ने एक पत्रकार को सरेआम गोलियों से भून दिया था। अब इस सप्ताह सुल्तानपुर में एक पत्रकार की बेटी को ही जिंदा जला दिया गया। अपराधियों की इस वारदात से यूपी एक बार फिर शर्मसार हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि ङ्गसुल्तानपुर में पत्रकार की बेटी को जिंदा जलाकर मारने की घटना से उत्तर प्रदेश सहमा और स्तब्ध है।फ इस मामले में एसपी विधायक अबरार अहमद और कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा ने संदेह के घेरे में आए एसओ को हटाने की मांग की है।
यूपी में अपराधियों के हौसले पूरी तरह से बुलंद हैं। यह इसी से समझा जा सकता है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जानेवाले पत्रकार और उनका परिवार भी अब इस अपराध राज में सुरक्षित नहीं है। गत जुलाई में गाजियाबाद में बदमाशों ने एक पत्रकार की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब गत सोमवार को सुल्तानपुर में एक पत्रकार की बेटी को अपराधियों ने जिंदा जलाकर बता दिया कि यूपी में अपराध राज पूरी तरह स्थापित हो चुका है।
मिली जानकारी के अनुसार सुल्तानपुर में पत्रकार व एक दूसरे पक्ष के बीच काफी समय से जमीन का विवाद चल रहा था और पूर्व में इस मामले में हिंसक घटनाएं हुई थीं। मगर पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की। इस मामले में वहां के एसओ पर ढिलाई बरतने का आरोप है। पुलिस की मिलीभगत का ही आलम है कि इस मामले में इस एसओ को उच्चाधिकारी ने क्लीन चिट दे दी थी। अब जब मामला गरमा गया है तो एसओ और चौकी इंचार्ज से वर्तमान और पूर्व की जांच वापस लेकर एसपी ने क्राइम ब्रांच के हवाले किया है। यही नहीं,सुल्तानपुर में हुई इस घटना के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है,सुल्तानपुर में पत्रकार की बेटी को जिंदा जलाकर मारने की घटना से उत्तर प्रदेश सहमा और स्तब्ध है। भावभीनी श्रद्धांजलि?