बलिया (व्हीएसआरएस न्यूज) लगता है योगी बाबा से विशाल प्रदेश यूपी संभाल नहीं रहा। उनके ही भाजपा नेता बेलगाम होकर सरेआम फायरिंग कर रहे है। स्थानीय भाजपा विधायक वीरेंद्र सिंह के छत्रछाया में पल रहे अपराधी धीरेंद्र सिंह एसडीएम और सीईओ के सामने गोली मारकर फरार हो जाता है और पुलिस कुछ नहीं कर पाती। योगी बाबा ने भले ही एसडीएम,सीईओ को सस्पेंड करके अपराधी की तलाश में डीआयजी सुभाष दुबे के नेतृत्व में 12 टीम को लगा दी हो मगर सच्चाई यह है कि यूपी में रामराज्य नहीं बल्कि रावण राज है। अपराधी बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे है। बलिया की घटना सरकारी सस्ता गल्ला कोटा आवंटन को लेकर खुले मैदान में बैठक के दौरान घटी। कोटा आवंटन को लेकर मतदान की बात सुनकर दो गुटों में वादविवाद हुआ फिर मारपीट में बदला और फायरिंग की गई जिसमें जय प्रकाश की मौत हो गई। बताया जाता है कि जब विवाद बढा तो आरोपी धीरेंद्र घर से रिवालवर लाकर 10 राउंड फायरिंग की। जमकर लाठी,डंडे,पत्थर चले।
सरकार ने घटना की जानकारी मिलते ही योगी सरकार एक्शन में आ गई। आनन-फानन में डऊच्, उज समेत 8 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। घटना के समय बैठक में बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। फायरिंग करने वाला धीरेंद्र प्रताप सिंह डबलू भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा है और बैरिया के भाजपा विधायक का करीबी बताया जा रहा है। ग्राम सभा दुर्जनपुर व हनुमानगंज की कोटे की दो दुकानों के आवंटन के लिए गुरुवार की दोपहर पंचायत भवन पर खुली बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह, बीडीओ बैरिया गजेन्द्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद थी। सस्ते गल्ले की दुकान आवंटन के लिए 4 स्वयं सहायता समूहों ने आवेदन किया। जिसमें से दो समूहों ममां सायर जगदंबाफ और मशिव शक्तिफ स्वयं सहायता समूह के बीच मतदान कराने का निर्णय लिया गया।
इसके लिए स्वयं सहायता समूह का पक्ष तैयार था, दूसरा पक्ष नहीं, क्योंकि मतदान से इंकार करने वाले स्वयं सहायता समूह पर कोई आईडी प्रुफ नहीं था। इस बात को लेकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए, मामला बिगड़ता देख बैठक की कार्रवाई को स्थगित कर दी गई। पुलिस दोनों पक्षों को समझाने और विवाद शांत करने में जुट गई। एक पक्ष ने सक्षम अधिकारियों पर पक्षपात का आरोप लगाया तो दूसरे पक्ष ने आक्रोशित होते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। बस फिर क्या था नजारा खूनी संघर्ष में बदल गया। लाठी-डंडे, पथराव और गोलीबारी हुई, जिसमें दुर्जनपुर जयप्रकाश उर्फ गामा पाल को ताबड़तोड़ चार गोलियां मार दी गई। पुलिस ने इस मामले को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए आठ लोगों पर बलवा और हत्या का मामला दर्ज किया है।