पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पिंपरी चिंचवड़ मनपा के पूर्व विपक्षी नेता नाना काटे ने गंभीर सवाल उठाया है कि पिंपरी-चिंचवड़ शहर के लोगों की गाढ़ी कमाई को मनमाने तरीके से बर्बाद करने का अधिकार किसने दिया? जब पिंपरी-चिंचवड़ शहर के प्रवेश द्वार पर गहुंजे में एक अंतरराष्ट्रीय मानक क्रिकेट स्टेडियम है,तो मोशी में एक नया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम क्यों बनाया जा रहा है? कमिश्नर के निर्देश पर कंसल्टेंट के नाम पर 7 करोड़ 96 लाख रुपए का बंदरबांट किसके निर्देश पर किया जा रहा है।
पिंपरी-चिंचवड़ पालिका की ओर से, आयुक्त शेखर सिंह ने 400 करोड़ रुपये की लागत से मोशी में एक अंतरराष्ट्रीय मानक क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति को मंजूरी दी। ओम टेक्नोलॉजीज को लगभग 1.99 (1.98 प्रतिशत प्री-टेंडर और 0.1 प्रतिशत पोस्ट-टेंडर) देने का फैसला किया गया है। मोशी में वार्ड संख्या तीन में आरक्षण संख्या 1/204 पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण। वर्ष 2023-24 के बजट में इस कार्य के लिए 400 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। इसी के तहत पालिका ने स्टेडियम बनाने की दिशा में गतिविधियां शुरू कर दी हैं। कमिश्नर सिंह ने सलाहकार नियुक्त करने की स्थायी समिति से मंजूरी ले ली है।
पुणे जिले में पुणे,गहुंजे और बारामती नामक तीन क्रिकेट स्टेडियम हैं। जबकि पिंपरी-चिंचवड़ शहर के पास गहुंजे में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम है,किसी के तर्ज पर एक और नए क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। नाना काटे ने संदेह व्यक्त किया है कि इसके पीछे राज्य में सत्तासीन सरकार और उसके स्थानीय पदाधिकारी आंतरिक वित्तीय समझौता करके और प्रशासन से मिलिभगत करके शहर की जनता के करों के रूप में एकत्र किए गए करोड़ों रुपये को बर्बाद कर रहे हैं। साथ ही, हालांकि अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि नव विकसित क्रिकेट स्टेडियम बीओटी, पीपीई, निजी या नगरपालिका निधि के माध्यम से किया जाएगा या नहीं, नाना काटे ने चेतावनी दी है कि क्रिकेट स्टेडियम को तुरंत रद्द किया जाए,अन्यथा एनसीपी जन आंदोलन करेगी।
पिंपरी चिंचवड महानगरपालिका एक दुधारु गाय है। जब जिसकी इच्छा होती है इस गाय का दुध निकालने और पीने की कोशिश करता है। शहर की जनता का टैक्स के रुप में पालिका तिजोरी में जमा पैसों की लूट कैसे होती है ? इसका ताजा उदाहरण मोशी में 400 करोड की लागत से बनने वाले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम है। पिंपरी चिंचवड की आबादी लगभग 30 लाख के आसपास है। पुणे मनपा का क्षेत्र और आबादी इससे दो गुना ज्यादा है। शायद ही ऐसा कोई महानगर देश में हो जहां दो-दो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम हो। फिर पिंपरी चिंचवड शहर में आखिर दो स्टेडियम की क्या आवश्यकता है ? पालिका की तिजोरी कैसे लूटी जाए यह एक फंडा है। पालिका में प्रशासक राज है। आयुक्त शेखर सिंह एक आईएएस अधिकारी हैं। उनको ऐसे गलत निर्णय किसी के दबाव में भी नहीं लेना चाहिए। जनता के टैक्स के पैसों का सही जगह इस्तेमाल होना चाहिए। अगर ज्यादा पैसा है तो इस शहर को पवना डैम जैसे एक और डैम की आवश्यकता है। अतिरिक्त हॉस्पिटल,अच्छे स्कूल की जरुरत है। मूलभूत सुविधाओ पर पैसा खर्च होना चाहिए। एक साल में कहीं एक बार क्रिकेट मुकाबला होता है। उसके लिए गहुंजे में स्टेडियम है। स्टेडियम बनाना मतलब हाथी पालने के बराबर है। सालों सालों उसके देखभाल,रखरखाव के लिए प्रतिवर्ष बजट में करोडों रुपये निर्धारित करना पडेगा। आयुक्त शेखर सिंह अपने निर्णय पर पुर्नविचार करना चाहिए।