Maharashtra News मुंबई (व्हीएसआरएस न्यूज) अजित पवार और शरद पवार के बीच आज मुंबई में दो अलग अगल जगहों पर शक्तिप्रदर्शन हुआ। शरद पवार के पाले के शिरुर सांसद अमोल कोल्हे ने छगन भूजबल के बयानों पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा,’कुरुक्षेत्र में कई लोग अर्जुन जैसे रहे होंगे। लेकिन जब वहां भी युद्ध छिड़ गया। फिर दोनों पार्टियों के बीच रथ ले जाने की बात कही गई। कृष्ण ने रथ बीच में चलाया जबकि अर्जुन ने दोनों ओर देखा। उस समय अनेक गुरुजन लोग थे और एक तरफ खून के रिश्ते थे। उस समय भगवान ने अर्जुन से कहा कि यह युद्ध कर्तव्य और सिद्धांत का विषय है। साथ ही यह युद्ध धर्म और अधर्म के बीच है। उन्होंने कहा कि अगर कल लोकतंत्र को बचाना है तो मेरे जैसे हर किसी का कर्तव्य है कि वह शरद पवार के पीछे खड़े हों।
जब स्वार्थ बरसता है तो वफ़ादारी मिट्टी हो जाती है
उन्होंने आगे कहा कि जब ईडी, सीबीआई और स्वार्थ की बारिश होती है तो वफादारी मिट्टी में मिल जाती है। यह तस्वीर इस समय प्रदेश में देखने को मिल रही है। रविवार को जो हुआ वह पहली बार नहीं है। यह एक साल पहले महाराष्ट्र में हुआ था। उससे पहले मध्य प्रदेश में और उससे पहले कर्नाटक में ऐसा हुआ था। ऐसा क्यों होता है?, इसका उत्तर नहीं मिलता। लेकिन हम वो नहीं हैं जो सारा विद्रोह होने पर रो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें इस पर विचार करना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ।
मतदाताओं के वोटों का क्या होगा?
अमोल कोल्हे ने कहा, ’इंतजार करने की दो वजहें हैं। शॉर्ट कट से पहुंचने का प्रलोभन है, नहीं तो पकड़े जाने का डर है। खतरे से विचलित होकर दूरी राह पर जाना,उनके पीछे सिद्धांतों और नैतिकता का कोई मूल्य कहां बचता है? यह सबसे महत्वपूर्ण बात है। अगर पार्टियां इस तरह से बंट गईं तो नैतिकता कहां जाएगी और मतदाताओं के वोटों का क्या होगा?