मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) उद्धव ठाकरे ने आज बडा फैसला लेते हुए देवेंद्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल में शुरु जलयुक्त शिवार योजना में घोटाला होने की रिपोर्ट के आधार पर जांच करने के आदेश दे दिए है। भाजपा ने बदले की राजनीति बता रहा है। मंदिर खोलने के मुद्दे पर आघाडी सरकार और भाजपा आमने सामने है। मराठवाडा में पानी की किल्लत को ध्यान में रखते हुए इस योजना का शुभारंभ किया गया था। मीलों पैदल चलकर पानी के एक घडे को भरने के लिए महिलाएं परेशान थी। लेकिन यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ गई। कैग की रिपोर्ट में सवाल खडा किया गया है कि करोडों रुपये का गबन हुआ। इस घोटाले की जांच एसआयटी से करने के आदेश दे दिए है।
कैग ने उठाए सवाल
फडणवीस सरकार की इस योजना पर कैग ने अपनी रिपोर्ट में कई सवाल खडे किए थे। इस योजना के लिए कुल 9,633.75 करोड रुपए खर्च किये गए थे। कैग रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना से ना तो जमीन में जलस्तर बढा और ना ही इस योजना को लागू करते वक्त पारदर्शिता बरती गई थी। सत्ता में आने के बाद उद्धव ठाकरे ने फडणवीस सरकार की इस योजना को भी रोक दिया था।
बीजेपी ने उठाए सवाल
बीजेपी ने आशीष शेलार ने अघाड़ी सरकार के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा है, मइस जांच का मतलब है कि राज्य के किसान,मजदूर और श्रमिक इन लोगों द्वारा किए कामों की जांच करना होगा। जनसहभागिता और जनता के पैसों के आधार पर यह काम चल रहा था। आज यदि ठाकरे सरकार इसकी जांच करना चाहती है तो इसका मतलब किसानों की जांच करवाने जैसा होगा। 98 प्रतिशत काम पूरे हुए और कहीं भी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे। जितने भी गाँवों में काम हुए उसमे केवल 0.17 परसेंट गाँवों में जाकर कैग ने जांच की है। इसके अलावा जितने काम हुए हैं उसमे से केवल 0.53 परसेंट गांवों में जाकर कैग ने रिपोर्ट बनाई है। इस आधार पर यह जांच करवाना गलत है। ठाकरे सरकार फडणवीस सरकार की इस योजना पर अन्याय कर रही है।