पिंपरी (व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड शहर में नाबालिग लडकियों,लडकों के गायब होने के चौंकाने वाले आंकडे सामने आए है। पिछले 9 महिनों में कुल 219 नाबालिग गायब हुए है। इसमें से 146 बच्चे मिले बाकी आज तक लापता है। 60 प्रतिशत मामले नाबालिगों के भागने का बताया जा रहा है। ये आंकडे जनवरी-सितंबर के बीच के है।जानवरी-63,फरवरी 51,मार्च 28,अप्रैल 11,मई 9, जून 15, जूलाई 14,अगस्त 22, सितंबर 32 नाबालिग गायब हुए। सूत्रों के अनुसार जो नाबालिग घर से भागे और आज तक उनका पता नहीं चला वे गलत हाथों में पड जाते है। मानव तस्करी,वेश्या व्यवसाय,अंगों को निकालने जैसे जालसाजी के हाथों चढ जाते है।
महाराष्ट्र राज्य लडकियों की तस्करी के मामले में नंबर वन पर पहुंच गया है। हर दिन 105 लडकियां लापता हो रही है या उनकी तस्करी करके द्ेहव्यापार में लगाया जा रहा है। यह चौंकाने वाले आंकडे आने के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। नेश्नल क्राइम रेकॉडर्स ब्यूरो के अनुसार 2019 के जारी आंकडों में यह बताया गया कि 17 महिलाओं की हर हफ्ते तस्करी होती है। जबकि 105 महिलाएं हर दिन गायब होती है। महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल का आता है।
2019 में तस्करी के शिकार हुए 989 में से 88 फीसदी महिलाएं और 6 फीसदी बच्चे थे। बंधुआ मजदूरी, अंग तस्करी, ड्रग पेडलिंग, यौन शोषण, जबरन विवाह आदि जैसे विभिन्न कारणों से मानव तस्करी की जाती थी। महाराष्ट्र के मामले में, 95.6 तस्करी का कारण जबरन वेश्यावृत्ति के जरिए यौन शोषण रहा। इसके अलावा, 2019 और 2018 के आंकड़ों की तुलना करें तो महिलाओं के लापता होने के मामलों में 13 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2018 में सबसे अधिक लापता बच्चों वाले शीर्ष 10 राज्यों की सूची में महाराष्ट्र नहीं था,लेकिन अब 4,562 बच्चों के लापता होने के बाद अब राज्य,राष्ट्रीय स्तर पर चौथे स्थान में पहुंच गया है। लापता बच्चों के आंकड़ों में देखा गया कि उनमें से,55 लड़कियां थीं।
सेक्स ट्रैफिकिंग बड़ा कारण
मुंबई,पुणे और नागपुर के तीन प्रमुख महानगरों में रेड-लाइट क्षेत्रों का एक विशाल नेटवर्क होने के नाते, राज्य सेक्स ट्रैफिकिंग का बड़ा स्रोत है। महानगरों के अलावा,राज्य भर में कई छोटे और मध्यम रेड-लाइट क्षेत्र हैं।
अपहरण के मामले में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र
भले ही देश में अपहरण और अपहरण के मामलों में 0.7 फीसदी की मामूली गिरावट आई है,लेकिन महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ अपराध बड़े पैमाने पर हैं। उत्तर प्रदेश के बाद,महाराष्ट्र में 2019 में सबसे ज्यादा अपहरण के मामले दर्ज किए गए। इन मामलों में बीते साल की तुलना में 1.9 फीसदी की वृद्धि भी देखने को मिली।