डिंबे,अहमदनगर(व्हीएसआरएस न्यूज) डिंबे-मानिकदोह बांध का पानी उपलब्ध नहीं है और मानिकदोह बांध हर साल 60 से 70 प्रतिशत तक भरता है, इसलिए हर साल 3 टीएमसी पानी की कमी महसुस होती है। इसलिए अगर डिंबे बांध का ओवरफ्लो पानी मानिकदोह बांध में छोड़ा जाता है तो मणिकदोह बांध में 3 टीएमसी पानी की कमी को भरना संभव होगा। परियोजना विकास योजना में डिम्बे डैम से येडगाँव बांध तक 6.25 टीएमसी पानी छोड़ने की व्यवस्था है। नहर के माध्यम से केवल 2 से 2.5 टीएमसी पानी ही यादगांव तक ले जाया जा सकता है। डिम्बे मानिकदोह सुरंग इसके लिए रामबाण है। सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर ऐसा सुझाव दिया है।
इससे मानिकदोह बांध में 3 टीएमसी पानी की कमी पूरी हो जाएगी। 6.25 टीएमसी पानी डिंबे बांध से येदगांव बांध तक आएगा। इसलिए नगर सोलापुर में किसानों को हर साल तीन टीएमसी पानी मिलेंगे। कुकड़ी परियोजना पाँच बाँध से युक्त हैं,येदगाँव,दिम्भ,मनिकदोह,पिंपलगाँव जोग और वड़ैच राज्य तकनीकी सलाहकार समिति ने इस पर तीन बैठकें कीं। राज्य में अंतिम विधानसभा के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने 3,900 करोड़ रुपये की सुधार परियोजना विकास योजना को मंजूरी दी थी।
सुरंग के लिए निविदा प्रक्रिया ठप हो गई है। इसलिए अहमदनगर और सोलापुर जिला पारनेर,श्रीगोंदा कर्जत और करमाला तहसील में किसान और कृषि प्रणाली नष्ट हो रही है। किसानों की खड़ी फसलें खराब होती जा रही हैं। इस विभाजन में किसानों का हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और उनका श्रम बर्बाद हो रहा है। पुणे,अहमदनगर और सोलापुर जिलों में जटिल विवादों के स्थायी समाधान के रूप में डिम्बे मानिकदोह सुरंग परियोजना के संचालन के लिए आवश्यक निर्णय लेने की जरुरत है।
यदि आप तुरंत सही निर्णय नहीं लेते हैं, तो हमें पानी की खातिर परनेर,श्रीगोंडा,कर्जत और करमाला तालुकों के किसानों को एकजुट करना होगा और आपकी और आपकी महाविकास आघाडी सरकार की असंवेदनशीलता के खिलाफ उग्र आंदोलन करना होगा। ऐसी चेतावनी सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे ापने पत्र में दी है।