मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को आज उद्धव ठाकरे सरकार ने जोर का झटका दिया। राज्यपाल अपने गांव उतराखंड जाना चाहते थे। वो चार्टर प्लेन पर बैठ भी गए थे। लेकिन उद्धव ठाकरे सरकार की अनुमति न मिलने से बेचारे महामहिम को प्लेन से उतरना पडा और बैरंग चिट्ठी की तरह राज्यपाल निवास में जाना पडा। देश के इतिहास में शायद ऐसी पहली घटना है जिसमें राज्यपाल को सरकार की अनुमति नहीं दी गई।
महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल के बीच कई बार टकराव की स्थिति देखी गई। मनोनित 12 एमएलसी की सूची को अभी तक राज्यपाल ने मंजूर नहीं की। इस बात को लेकर सरकार के तीनों घटक दलों में नाराजगी है। राज्यपाल जानबुझकर सरकार के कामकाज में अडंगा डाल रही है। नासिक से मुंबई की ओर कूच किए लाखों किसानों के आने से पहले बहाना बनाकर राज्यपाल गोवा चले गए। किसान आंदोलनकारी अपना ज्ञापन देने से वंचित रह गए। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पिछले सप्ताह ही राज्यपाल को चेताया था कि विधान परिषद की 12 मनोनित नामों को मंजूर करके राज्यपाल भेजें। वर्ना कठोर कदम और निर्णय लेने पर सरकार विवश हो जाएगी। आज की घटना से सरकार का गुस्सा दिखाई भी दिया।
आज सुबह 9 बजे राज्यपाल प्लेन से देहरादुन और फिर कार से मसूरी जाने वाले थे। वहां लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में आयोजित एक समारोह में शामिल होना था। प्लेन पर बैठे राज्यपाल को बताया गया कि उडान भरने के लिए जरुरी अनुमति सरकार की ओर से नहीं मिली। राज्यपाल ने जब कारण पूछा तो किसी ने कारण नहीं बताया। मायूश होकर राज्यपाल को प्लेन से उतरकर राजभवन लौटना पडा। इस घटना से भाजपाईयों को बैठे बैठाए मुद्दा हाथ लग गया। सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि राज्यपाल का अपमान है सरकार माफी मांगे। मैंने ऐसी प्रतिशोधी सरकार कभी नहीं देखी। राज्यपाल का एक संवैधानिक पद है। गरिमा बनाए रखनी चाहिए। देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव सरकार को घमंडी बताया और घटना का निषेध किया।