चंडीगढ़ (व्हीएसआरएस न्यूज) पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा तीन सितंबर को घोषित क्लर्क भर्ती के अंतिम परिणाम को रद करने संबंधी याचिका पर सरकार व आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। खरखौदा निवासी रजत व अन्य ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में परिणाम पर सवाल उठाते हुए हाई कोर्ट में इसे चुनौती दी है।
आयोग द्वारा रिजल्ट घोषित करने के बाद हरियाणा सरकार लिपिकों को विभिन्न विभागों और जिलों में ज्वाइनिंग भी दे चुकी है। ऐसे में इस परिणाम को हाई कोर्ट में चुनौती दिए जाने से ज्वाइन कर चुके लिपिकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। करीब एक दर्जन भर्तियां ऐसी हैं, जो अदालती प्रक्रिया में उलझी हुई हैं, जिस कारण आयोग उनका रिजल्ट घोषित नहीं कर पा रहा है।
हरियाणा में हाल ही में करीब 4800 लिपिकों की भर्ती हुई है। मामले की सुनवाई के दौरान याची के वकील राहुल मक्कड़ ने बेंच को बताया कि उसके मुवक्किल सामान्य व आरक्षित वर्ग के हैं। क्लर्क भर्ती का फाइनल रिजल्ट तय करते समय उनकी श्रेणी में जो कट आफ मार्क्स रखे गए थे, याची के अंक उनसे अधिक है।
कोर्ट को बताया गया कि सामान्य श्रेणी के लिए कट आफ मार्क्स 69 रखे गए, जबकि एक याचिकाकर्ता रजत जो सामान्य श्रेणी से संबंध रखता था, उसके अंक 71 हैं। ऐसे ही बीसी (ए) श्रेणी में अंतिम चयनित उम्मीदवार के 65 अंक थे लेकिन दो याचिकाकर्ता जो इस श्रेणी से हैं, उनके अंक 66 व 67 हैं, मगर इनका चयन नहीं किया गया। बीसी (बी) श्रेणी में भी कुछ ऐसा ही किया गया। एक याचिकाकर्ता जिसके अंक 69 है, लेकिन उसका चयन नहीं हुआ, जबकि 67 अंक वालों का चयन कर लिया गया।एससी वर्ग में 63 अंक वाले का चयन कर लिया गया, जबकि एक याचिकाकर्ता मोहित के इतने ही अंक आने के बाद उसका नाम फाइनल सूची में नहीं रखा गया। हाई कोर्ट के जस्टिस सुदीप आहलुवालिया ने सभी दलील सुनने के बाद हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग से 28 अक्टूबर को जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट ने आयोग को यह भी आदेश दिया कि इस मामले के विचाराधीन रहने तक सभी याचिकाकर्ता की श्रेणी में उनकी संख्या के अनुसार सीट खाली रखी जाए।