दिल्ली कैबिनेट ने अक्टूबर, 2020 स्माग टावर को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मंजूरी दी थी, लेकिन कोविड -19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई।
स्माग टवर के सक्रिय होने के बाद उसकी प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए दो साल का पायलट अध्ययन किया जाएगा।
अध्ययन के बाद दिल्ली सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेंगे और फिर प्रदर्शन प्रभावशाली होने पर सरकार दिल्ली में इसी तरह के टावर स्थापित करेगी।
स्माग टवर हर सेकेंड में 1000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ करेगा और दिल्ली में पीएम 2.5, पीएम 10 के स्तर को कम करेगा।
दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ जंग जारी है। इस बीच आज सोमवार को इसमें बड़ा अध्याय जुड़ गया है। दिल्ली के दिल कनाट प्लेस में देश का पहला स्माग टावर लगाया गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को इसका उद्घाटन किया। इसके बाद यह काम करने लगा है।
वही इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वायु प्रदूषण से लड़ने और दिल्ली की हवा साफ करने के लिए दिल्ली में देश का पहला स्मॉग टॉवर लगाया जा रहा है। इस तकनीक को हमने अमेरिका से आयात किया है। ये टॉवर 24 मीटर ऊंचा है और ये 1 किलोमीटर दायरे की हवा को साफ करेगा।
आपको बताते चले की यह स्माग टावर दूषित हवा को अपने अंदर खीचेंगा और साफ हवा को छोड़ेगा। स्माग टावर की खूबी यह है कि तकरीबन एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की प्रदूषित हवा को अपने अंदर लेकर साफ हवा की आपूर्ति करेगा। इसके साथ ही यह स्माग टावर वातावरण दूषित हवा को खींचेगा और साफ करके 10 मीटर की ऊंचाई पर छोड़ेगा।
इसके शुरू होने के बाद विशेषज्ञ दिल्ली में वायु प्रदूषण पर इसके प्रभाव का पता लगाएंगे। नतीजों के आधार पर दिल्ली में अन्य स्थानों पर उपकरण लगाने पर फैसला लेंगे। यह एक तरह से पायलट प्रोजेक्ट है।
यह स्माग टावर प्रति सेकंड 1,000 क्यूबिक मीटर हवा को शुद्ध करने में सक्षम होगा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल जनवरी में केंद्र सरकार को आनंद विहार में प्रदूषण कम करने के लिए एक स्माग टावर बनाने और दिल्ली सरकार को तीन महीने में कनाट प्लेस में इस तरह की एक और टावर स्थापित करने का निर्देश दिया था। अगस्त में शीर्ष अदालत ने इन टावरों के निर्माण को पूरा करने में समय सीमा से चूकने पर केंद्र और राज्य सरकार को फटकार भी लगाई थी।