दिल्ली। व्हीएसआरएस संवाददाता: प्रेम,भाईचारा,सदभाव और रंगों का त्योहार होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। सनातन धर्म में होलिका दहन बहुत विशेष पर्व माना गया है जिसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। परंपरा के अनुसार, होलिका दहन की शाम को होलिका जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की जान बचा ली थी और नरसिम्हा भगवान का अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था। हमारे सभी धर्मग्रंथों में होलिका दहन में मुहूर्त का विशेष ध्यान रखने की बात कही गई है।
आपको बताते चले कि नारद पुराण के अनुसार अग्नि प्रज्ज्वलन फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रारहित प्रदोषकाल में सर्वोत्तम माना गया है। वैसे तो होलिका दहन पर लोग अलग-अलग उपाय करते हैं परंतु इस खास दिन पर कुछ कार्य ऐसे हैं जिनको करने से सुख-समृद्धि आती है वहीं कुछ काम करना अशुभ माना गया है। आइए जानते हैं कि धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन क्या करें और क्या न करें।
होलिका दहन से पहले सभी परिवार के सदस्यों को हल्दी का उबटन, सरसों तेल में मिलाकर पूरे बदन पर लगाना चाहिए. फिर सूखने के बाद उसे एक कागज में शरीर से छुड़ाकर जमा कर लेना चाहिए. जिसे होलिका दहन के समय होलिका में डालना चाहिए. ताकि होलिका दहन के साथ ही सभी मलीनता भी भस्म हो जाए. मान्यता है कि ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है. तन और मन दोनों से मलिनता का त्याग करने का त्योहार है होली. इसलिए जिन लोगों मनमुटाव या मनभेद है वह सब नाराजगी होलिका में मानसिक रूप से अर्पित करके भस्म कर देनी चाहिए. इसी तरह उबटन से शरीर का मैल निकाल कर उसे भी होलिका की अग्नि में भस्म कर दिया जाता है.
होली के दिन लोग रंगों से सराबोर होते हैं. होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन होता है. होलिका दहन से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. अगर आप होलिका दहन के दिन कुछ उपायों को प्रयोग करें तो पूरे साल अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि ला सकते है. होली की पूजा करने से महालक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं. तो चलिए बात करते हैं कि होलिका दहन में किन-किन चीजों को करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती है और घर में सुख – संपन्नता का संचार होता है.
ध्यान रखें महत्वपूर्ण बातें –
- 5 या 11 गाय के उपले, एक मुट्ठी सरसों के दाने, नारियल का सूखा गोला लें. फिर नारियल के सूखे गोले में जौ, तिल, सरसों का दाना, शक्कर, चावल और घी भर लें. फिर उसे होलिका की जलती हुई अग्नि में प्रवाहित कर देना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी का आर्शीवाद प्राप्त होती है और प्रत्येक काम आ रहे विघ्न दूर होते हैं.
- सर्वप्रथम पूजा शुरू करने से पहले होलिका को हल्दी का टीका लगाएं.
- जो भी चीजें अग्नि में अर्पित करनी है. उसे अर्पित करके घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.
- होलिका के चारों ओर 7 बार परिक्रमा करके जल अर्पित करें क्योंकि ऐसा करने से घर में समृद्धि आती है.
- होलिका दहन की रात्रि में श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना लाभकारी होता है.
- जिन लोगों के जीवन में परेशानियां पीछा नहीं छोड़ती. उन्हें सुंदरकांड का पाठ अवश्य करने की सलाह दी जाती है.
- शनि की साढ़ेसाती से या शनि के कोप से प्रभावित लोग शनि के बीज मंत्र का जप करें और हनुमान जी की विधिवत आराधना करें.
- होलिका दहन के बाद घर आकर भी पूजा घर में एक दिया जरूर जलाएं.
- मकर राशि वालों को ऑफिस की पॉलिटिक्स से रहना होगा दूर, केवल काम पर रखें फोकस