फुलवरिया। व्हीएसआरएस संवाददाता: स्थानीय प्रखंड मुख्यालय के समीप विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों के परिसर में मिशन बरगद के तहत 444 हरे पत्तेदार व फलदार पौधों को लगाया गया.
मिशन बरगद की बीडीओ पूजा कुमारी, प्रमुख मुन्नी खातून के प्रतिनिधि मोहम्मद सरफराज तथा बीएओ आनंद कुमार ठाकुर ने संयुक्त रूप से प्रखंड मुख्यालय परिसर में बरगद सहित अन्य पौधों को लगाकर उसकी संरक्षण को लेकर संकल्प लिया.
इस दौरान बीडीओ पूजा कुमारी ने पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में महत्वपूर्ण बरगद पेड़ मनुष्य और जीव-जंतु के जीवन का आधार है. इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि यह अकाल के समय भी जीवित रहता है. धार्मिक, आध्यात्मिक व वैज्ञानिक दृष्टि से पवित्र बरगद का पेड़ जीवन रक्षक भी है.
इसे ऑक्सीजन का खजाना कहा जाता है. दिन व रात ऑक्सीजन देने वाले बरगद के सौ वर्ष से ज्यादा पुराने पेड़ 200 से 300 लीटर ऑक्सीजन रोज देते हैं, जबकि नया पेड़ 100 लीटर ऑक्सीजन प्रतिदिन देता है. बरगद के पेड़ की प्रत्येक पत्तियां ऑक्सीजन बनाती हैं. इस पेड़ में जितनी ज्यादा पत्तियां होगी वह उतनी ज्यादा ऑक्सीजन पैदा करेगी. इसके छांव में ज्यादा समय तक रहने से दैहिक, दैविक और भौतिक लाभ मिलता है.
अभी भी गांव में बरगद की छांव में लोग दिन बिताते हैं. यद्यपि शहरों में बरगद बहुत कम मिलते हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी भी विशाल पेड़ मिलते हैं. इसकी छांव में लोग आज भी चौपाल लगाते हैं.
बारात को भी इन्हीं पेड़ों के नीचे जलवासा दिया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, बरगद का पेड़ एक उत्तम औषधि भी है और बरगद के पेड़ से कई बीमारियों का इलाज हो सकता है. केवल बरगद का पेड़ ही नहीं बल्कि बरगद की छाल, बरगद के फल, बरगद के बीज, बरगद का दूध भी रोगों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है.
बरगद के पेड़ से कफ, वात, पित्तदोष को ठीक किया जा सकता है. मौके पर प्रधान सहायक शैलेश मिश्रा, प्रखंड नाजिर ओम प्रकाश प्रसाद, कनिया अभियंता समीम हैदर, मोहम्मद सरफराज सहित अन्य अधिकारी व कर्मी मौजूद रहे।