हथुआ। व्हीएसआरएस संवाददाता: हिंदी साहित्य के पुरुधा, मूर्धन्य साहित्यकार, प्रख्यात समालोचक स्व डॉ मैनेजर पांडेय की स्मृति में रविवार को बरवा गांव के चित्रगुप्त मन्दिर परिसर में अवस्थित जय प्रकाश नारायण सह अध्ययन केंद्र में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्री चित्रगुप्त सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में स्व डॉ पांडेय के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला।
श्रद्धांजलि सभा में डॉ सीपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि स्व पांडेय की कृतियों को संजोकर ही हमलोग सच्ची श्रद्धांजलि दे सकेंगे। ऐसे में उनके साहित्य का संग्रह करना और उसका अध्ययन करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। डॉ ब्रह्मदेव मण्डल ने कहा कि स्व पांडेय को चला जाना साहित्य जगत में घोर क्षति है। वे एक महान चिंतक थे। जो हमेशा विचारधाराओं में विश्वास किया। विवादों में नहीं। उनकी साहित्य आज राष्ट्र के मानचित्र पर विराजमान है। जिसपर आज शोध कार्य किया जा रहा है। उनके साहित्यों का अध्ययन करके है हम सभी उनको याद कर सकेंगे। अधिवक्ता नंदेश्वर मिश्र ने श्रद्धांजलि सभी में उनकी कई यादगार को ताज़ा किया। वहीं कवि सरफुद्दीन शरफ ने कहा कि हम सबके बीच से एक सूर्य का प्रकाश चला गया। जिसके प्रकाश से हमें हमेशा रास्ता मिलता था। धुवदेव प्रसाद ने उनकी विचारधाराओं पर चलने को प्रेरित किया। प्रो साने अली ने उनको महान साहित्यकार, युग पुरुष बताकर उनको अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
वहीं पर्यावरणविद् डॉ सत्य प्रकाश ने उनको याद कर अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अधिवक्ता शैलेन्द्र प्रताप शाही ने उनको अपनी नम आंखो से श्रद्धांजलि दिया। कार्यक्रम में मंच संचालन कर रहे कवि पप्पू मिश्र पुष्प ने अपनी वाणी से साहित्य के कई छंद पढ़कर उनको अपनी मुखार बिंदुओं से अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। स्व पांडेय की स्मृति में पर्यावरणविद् डॉ सत्य प्रकाश के नेतृत्व में पौधरोपण भी किया गया।
कार्यक्रम में डॉ राम विष्णु प्रसाद, आशुतोष पांडेय, वैद्यनाथ पूरी, प्रेम सिन्हा, जय प्रकाश नारायण, रत्नाकर राय, संजीव कुमार तिवारी, नागेन्द्र तिवारी, मीना कुमारी, स्वीटी कुमारी, मनीषा, डॉ राकेश रंजन, नन्द जी प्रसाद, पुष्पेन्द्र कुमार सिंह, कृष्ण कुमार कुंज, दिवाकर प्रसाद, संतोष कुमार, वेद प्रकाश, पंकज कुमार शर्मा, आदि थे।