मीरगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: सीएम नीतीश कुमार ने कपरपुरा गांव के युवाओं को ग्यारह साल पहले जो सपना दिखाया था,वह आज भी अधूरा है। इससे युवा वर्ग काफी हताश व निराश है। अब लोगों को लगने लगा है कि जो वायदे सीएम ने किए थे, वे जनता के साथ एक छलावा था। जी हां !
हम बात कर रहे हैं गोपालगंज जिले के उचकागांव प्रखंड के कपरपुरा गांव की। वर्ष 2010 में सीएम की विकास यात्रा का एक पड़ाव इस गांव में भी था, जहां एक सभा में उन्होंने गांव में स्टेडियम बनाने की घोषणा की। 28 जून 2010 को विकास यात्रा की रिपोर्ट जारी करने के बाद कपरपुरा में विशाल स्टेडियम बनाने की घोषणा से क्षेत्र के लोगों में यह आस जगी कि अब गांव का तेजी से विकास होगा। सीएम ने घोषणा के तुरंत बाद मंच से ही तत्कालीन डीएम को निर्देश दिया कि जल्द ही जमीन की तलाश कर स्टेडियम का निर्माण शुरू कर दिया जाए। गांव में लगभग 10 एकड़ जमीन भूदान की खोजी गयी, जिस पर विशाल स्टेडियम का निर्माण किया जाना तय हुआ, लेकिन उस जमीन पर कुछ लोगों के कब्जे के कारण निर्माण का पेच फंस गया। उसके बाद मामले को लेकर प्रशासन व कुछ लोगों के बीच कानूनी दांव-पेच इस ढंग से उलझा कि आज तक सुलझ नहीं पाया।
लोगों का सपना हकीकत बनने से पहले ही टूट गया। कपरपुरा गांव में स्टेडियम बनाने का जो सपना सीएम ने दिखाया, वह अब तक पूरा नहीं होने से क्षेत्र के लोग अब सवाल उठाने लगे है कि आखिर कब तक स्टेडियम का निर्माण होगा? यह सब सवाल अब जनता के बीच जोरदार ढंग से उठने लगा है।
गांव व आस-पास के लोगों का कहना है कि युवाओं में खेल के प्रति जागरूकता लाने में यह स्टेडियम मिल का पत्थर साबित होता, लेकिन आज युवाओं में इसको लेकर काफी उदासी है। स्टेडियम की लड़ाई लड़ने वाले पंचायत के सरपंच जैनुल हक व समाजसेवी दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि कुछ लोगों के कारण स्टेडियम का निर्माण अब तक नहीं हो सका है।