गोपालगंज।व्हीएसआरएस संवाददाता: जिला मुख्यालय गोपालगंज के आंबेडकर चौक के पास अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने डोमिसाइल नीति की वापसी को लेकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान दर्जनों एबीवीपी कार्यकर्ता मौजूद रहे। परिषद कार्यकर्ताओं ने कहा कि डोमिसाइल नीति को बदलना तकनीकी रूप से गैर कानूनी है और इसे सरकार को वापस लेना चाहिए।
सरकारी नौकरी ही एक मात्र उपाय
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कहा की विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, जो पिछले 75 वर्षों से छात्रों की समस्याओं के साथ-साथ राष्ट्र पुनर्निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
बिहार एक युवा प्रधान राज्य है जहां उद्योग और कल कारखाने का घोर अभाव है, ऐसे में राज्य के युवाओं के पास रोजगार के दृष्टिकोण से सरकारी नौकरी ही एकमात्र उपाय बचता है।
सरकारी नौकरी भी कई-कई सालों तक नहीं निकलती और अगर निकलती भी है तो कई जगह प्रश्न-पत्र लीक और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है। ऐसे में पिछले माह घोषित 1.70 लाख स्कूली शिक्षकों की बहाली की घोषणा से युवाओं में एक नई उम्मीद जगी।
लेकिन पिछले कुछ महीने के घटनाक्रम और सरकार के प्रतिनिधियों के बयानों को देखने से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि यह घोषित नियुक्ति बिहार के युवाओं के खिलाफ षड्यंत्र है एवं जान बूझकर नियुक्ति को लटकाने का प्रयास है।
बिहार के बच्चों के लिए अवसर की कमी हो जाएगी
कार्यकर्ताओं ने कहा कि शिक्षक बहाली प्रक्रिया के बीच में डोमिसाइल नीति को बदलना तकनीकी रूप से गैर कानूनी है। इससे बिहार के बच्चों के लिए अवसर की कमी हो जाएगी। जहां सभी राज्य अपने राज्यों में केवल अपने बच्चों को ही प्राथमिकता देने के लिए डोमिसाइल नीति को लागू करते हैं तो वहीं सभी गैर हिन्दी राज्य अपने स्थानीय भाषा का ज्ञान भी आवश्यक कर देते हैं।
शिक्षक बहाली के लिए ऑल इंडिया लेवल पर वैकेंसी खोले जाने का जो शिक्षा मंत्री तर्क दे रहे हैं वह बहुत ही शर्मनाक हैं। बिहार में मेधा की कोई कमी नहीं हैं और साइंस स्ट्रीम में अभ्यर्थियों की भी कोई कमी नहीं है, शिक्षा मंत्री गणित के लिए अभ्यर्थियों की कमी की बात करते हैं जबकि पूरे देश और दुनिया में गणित के क्षेत्र में बिहारी छात्रों का जलवा रहता है।
पुलिस का बल प्रयोग शर्मनाक है
शिक्षक बहाली की नियमावली और सिलेबस में जिस प्रकार परिवर्तन हो रहे हैं उससे शिक्षक अभ्यर्थी परेशान हैं और कंफ्यूजड हैं। अभी तक 8 बार विज्ञापन में संशोधन किया जा चुका है, जिस प्रकार शिक्षक बहाली निकाली गई है और लगातार जिस प्रकार उसमें संशोधन किए जा रहे हैं इससे यह सिद्ध हो रहा है कि बिना तैयारी के यह बहाली निकाल दी गई है। 2 जुलाई को पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस के द्वारा किया गया बलप्रयोग शर्मनाक है। इसके लिए छात्रों से बिहार सरकार को माफी मांगनी चाहिए।
एक उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को कड़ी सजा देनी चाहिए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि डोमिसाइल नीति पर संवेदनशील तरीके से पुनर्विचार हो और नियमावली को स्पष्ट व सरल तरीके से विद्यार्थियों के हित में बनाया जाए।
पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को एक समय सीमा के अंदर पूरा करे ताकि बिहार के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के लिए एक उम्मीद की किरण दिखे।