- गोपालगंज में जगह-जगह लगाए पोस्टर
गोपालगंज।व्हीएसआरएस संवाददाता: गोपालगंज के सदर प्रखंड की मशान थाना पंचायत के ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
इसे लेकर जगह-जगह पोस्टर लगाकर कर नेताओं के खिलाफ गुस्से का इजहार किया है। क्योंकि मशान थाना पंचायत के दर्जनों गांव के हजारों की आबादी का आवागमन एकमात्र सारण तटबंध से होता है, जो पिछले कई वर्षों से जर्जर अवस्था में पड़ा हुआ है। ऐसा नहीं है, की ग्रामीण शासन प्रशासन से इसकी मरम्मती को लेकर ध्यान आकृष्ट नही कराया गया। बावजूद इस पर ध्यान नहीं गई।
जिले में छठे चरण में 25 मई को मतदान होने वाले है। ऐसे में नेताओं द्वारा मतदाता से अपने पक्ष में मतदान कराने को लेकर कई तरह के हथकंडे अपनाए जा रहें है जबकि जिला प्रशासन द्वारा मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। मतदाता अपने प्रतिनिधि से पांच साल के हिसाब मांग कर उनके द्वारा किए गए उपेक्षाओं को लेकर विरोध करना शुरू कर दिए हैं। इस संदर्भ मे पंचायत के सरपंच कामेश्वर राव ने बताया कि गंडक नदी की विभीषिका को रोकने के लिए ब्रिटिश काल में सारण तटबंध का निर्माण कराया गया था।
निर्माण के बाद तटबंध की मरम्मती आज तक नहीं हो सकी। जबकि यह निवर्तमान सांसद डॉ आलोक कुमार सुमन का पंचायत है, लेकिन उनके ही पंचायत में उनका विरोध शुरू हो गया है।
सालों से उपेक्षित सारण तटबंध जिसके माध्यम से रोजाना दस से 15 हजार से ज्यादा की आबादी का आवाजाही होती है। उस तटबंध पर मरम्मत नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने जगह-जगह पोस्टर लगाकर वोट नहीं देने और वोट बहिष्कार का ऐलान किया है।
ग्रामीणों ने बताया कि सांसद पिछले 5 साल से जीतने के बाद एक बार भी अपने पंचायत नहीं आए हैं, अगर सांसद अपने पंचायत आए होते तो इस इस पंचायत की समस्याओं पर उनका ध्यान जरूर गया होता। चुनाव के वक्त नेताजी आते हैं और वादे करके चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि इसकी दुर्दशा को प्रत्येक साल बाढ़ आने पर जिला पदाधिकारी के साथ ही जिले के सभी पदाधिकारी के द्वारा इलाके के भ्रमण के दौरान देखा जाता है, लेकिन कोई भी अधिकारी का ध्यान इस टूटे हुए जर्जर सड़क के तरफ नहीं है। ताकि इसका निर्माण या मरम्मत कराई जा सके।
लोगों ने बताया कि इस सड़क से दर्जनों गांव के स्कूली बच्चे साइकिल, मोटरसाइकिल तथा चार पहिया वाहन से आवाजाही करते हैं। जर्जर सड़क के कारण कम समय की दूरी को काफी ज्यादा समय बिताने के बाद तय करनी होती है। चुनाव के वक्त नेताजी आते हैं और वादे करके चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि इसकी दुर्दशा को प्रत्येक साल बाढ़ आने पर जिला पदाधिकारी के साथ ही जिले के सभी पदाधिकारी के द्वारा इलाके के भ्रमण के दौरान देखा जाता है, लेकिन कोई भी अधिकारी का ध्यान इस टूटे हुए जर्जर सड़क के तरफ नहीं है।
ताकि इसका निर्माण कराया जा सके। लोगों ने बताया कि इस सड़क से दर्जनों गांव के स्कूली बच्चे साइकिल, मोटरसाइकिल तथा चार पहिया वाहन से आवागमन होता है। जर्जर सड़क के कारण कम समय की दूरी को काफी ज्यादा समय बिताने के बाद तय करनी होती है।