- पुलिस का दावा, साइबर अपराध में इस्तेमाल किया जाना था सीमकार्ड।
गोपालगंज।व्हीएसआरएस संवाददाता: यूपी-बिहार की सीमा कुचायकोट थाना क्षेत्र के बलथरी चेकपोस्ट पर पुलिस ने पश्चिम बंगाल की कार जब्त कर सीमकार्ड बरामद किया। उसके बाद एक सीमकार्ड को जब कॉल करके चेक किया तो वह असम में एक दारोगा के पास कॉल लगा, जिसके बाद पुलिस भी हैरान रह गयी। जिस सीमकार्ड को पुलिस ने जब्त किया है, उसी नंबर की सीमकार्ड दूसरे पुलिस पदाधिकारी के पास कैसे पहुंच गया।
एक सीमकार्ड दो जगह चालू कैसे हो सकती है, यह सवाल अब जांच का विषय बन गया है। 8774 सीमकार्ड की जांच हाइलेवल पर शुरू हुई तो कई राज खुलकर सामने आ सकते हैं।
हालांकि मामला साफ है कि सीम कार्ड का स्मैपिंग कर डबल किया गया है, जिसके बारे में टेलीकॉम कंपनियों को भी जानकारी नहीं है. अब सवाल है कि एक सीमकार्ड दो जगह चालू रहने से नुकसान किसे है।
सीमकार्ड से अपराध होने पर पुलिस असली गुनहगार तक कैसे पहुंचेगी। मामला बेहद गंभीर है, इसलिए पुलिस गंभीरता से लेकर जांच कर रही है। उधर, जेल भेजे गये तीनों अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों के बारे में भी हिस्ट्री खंगाली जा रही है।
पश्चिम बंगाल के मालदा जिला में दिया गया साइबर अपराधियों का निवास सही है या गलत, इसकी जांच चल रही है। आपको बताते चलें कि यूपी-बिहार के बलथरी चेकपोस्ट पर गोपालगंज के कुचायकोट थाने की पुलिस ने पांच अप्रैल को एक कार से 8 हजार 774 सिमकार्ड और 18 हजार नेपाली करेंसी को जब्त किया था। गिरफ्तार युवकों ने पुलिस की पूछताछ में साइबर फ्रॉड में सीमकार्ड का इस्तेमाल होने की बात बताई थी।