उचकागांव। व्हीएसआरएस संवाददाता: सावन की पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को प्रखंड के इटवा धाम पर श्रावणी उपाकर्म का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ब्राह्मणों ने दाहा नदी के तट पर स्नान कर दान- पुण्य किया।
बाह्मणों ने दस- विधि स्नान,ऋषि पूजन और यज्ञोपवीत पूजन कर पितृ तर्पण किया।आचार्य शशिभूषण मिश्र ने हेमाद्री संकल्प पाठ कराया।
उन्होंने बताया कि सुबह में यह कार्यक्रम शुरू हुआ। जो करीब डेढ़ घंटे तक चला। बताया कि हर ब्राह्मण के लिए श्रावणी उपाकर्म मनाना बहुत जरूरी है। यह पर्व घर-परिवार से दूर रहकर सन्यासी जैसा जीवन व्यतीत करते हुए मनाया जाता है। दस विधि स्नान करने से आत्मशुद्धि होती है।
पितरों के तर्पण से उन्हें तृप्ति मिलती है। वैदिक काल से ही शरीर, मन और इंद्रियों की पवित्रता का यह पुण्य पर्व माना जाता रहा है। श्रावणी उपाकर्म ब्राह्मण का सबसे पवित्र पर्व माना गया है।
आचार्य विनीत तिवारी ने कहा कि श्रावणी उपाकर्म में जो भी लोग सम्मिलित होकर विधि- विधान से पूजन करते है उनके सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते है। कार्यक्रम में परमात्मा मिश्र, मनोज मिश्र, गजेंद्र मिश्र,सत्येंद्र तिवारी, संतोष पांडेय,शुभम सवर्ण,विनीत तिवारी,शशि भूषण मिश्रा, उमेश मिश्र, ऋतिक राज मिश्र आदि ब्राह्मण शामिल हुए।