बैकुंठपुर। व्हीएसआरएस संवाददाता: प्रखंड के 16 गांव में 15 जून से 28 अगस्त तक चार बार आई विनाशकारी बाढ़ को लेकर आधारभूत संरचनाओं की व्यापक पैमाने पर क्षति हुई है। ग्रामीण स्तर पर एक आकलन के अनुसार पचास लाख रुपए मूल्य से अधिक की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। परसौनी पंचायत से लेकर प्यारेपुर पंचायत तक गंडक नदी के तटवर्ती इलाकों में बसे 16 गांवों में दो सौ से अधिक झोपड़ी नुमा मकान बाढ़ के तेज धार में धराशाई हो गए हैं। घर के अंदर रखे गए अनाज जलावन, मवेशियों का चारा, कपड़ा, नगद राशि सहित अन्य सामान भी कई परिवारों को बचाने का मौका नहीं मिल सका। ऐसे में पांच हजार से अधिक परिवार अपनी बर्बादी का रोना रो रहे हैं। प्रशासनिक स्तर पर बाढ़ से हुई बर्बादी का अब तक आकलन शुरू नहीं किया गया है। इससे बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश देखा जा रहा है।
बांसघाट मसूरिया पंचायत के फतेहपुर गांव में बाढ़ की तेज धार में कई झोपड़ियां गिर गई है। प्यारेपुर पंचायत के बिन टोली, प्यारेपुर, आशा खैरा, यादवपुर, महम्मदपुर, गम्हारी पंचायत के सीतलपुर, पकहां, गम्हारी दियारा, फैजुल्लाहपुर पंचायत के सलेमपुर, अदमापुर, नरवार खोम्हारीपुर सहित अन्य गांवों में लोग बाढ़ से हुई बर्बादी की वजह से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। कई ऐसे परिवार हैं जो घर गिरने के बाद अभी भी तटबंध पर शरण लेने को मजबूर हैं।
तटबंध पर शरण ले रहे दो सौ परिवार
बैकुंठपुर। प्रखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों में घरों से पानी उतरने के बाद भी दो सौ से अधिक परिवार जमीदारी बांध पर शरण ले रहे हैं। पकहां, शीतलपुर, सलेमपुर, प्यारेपुर, फतेहपुर गांवों के लोग तटबंध पर खानाबदोश की जिंदगी जी रहे हैं। ये ऐसे परिवार हैं जिनका झोपड़ी नुमा घर बाढ़ की तेज धार में धराशाई हो गया है। बाढ़ का पानी घरों के इर्द-गिर्द जमा रहने के कारण फिलहाल ये अपना आशियाना फिर खड़ा नहीं कर पा रहे हैं। प्रशासनिक स्तर पर न तो इन्हें बाढ़ सहायता राशि मिली और न ही गृह क्षति मुआवजे का लाभ मिल सका है।
पिछले वर्ष भी बाढ़ से हुई थी तबाही
बैकुंठपुर। जिले के बैकुंठपुर, सिधवलिया एवं बरौली प्रखंडों में पिछले वर्ष भी तटबंध टूटने के कारण बाढ़ से भीषण तबाही मची थी। वर्ष 2020 में दो हजार से अधिक पक्के व झोपड़ीनुमा मकान बाढ़ की तेज धार में बह गए थे। इनमें से महज तीन सौ परिवारों को ही अब तक सरकारी स्तर पर गृह क्षति मुआवजे का लाभ मिल पाया है।
अन्य लोग अभी भी अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इस वर्ष हुई गिरी क्षति का आकलन अब तक शुरू नहीं किया गया है। जिससे बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश देखा जा रहा है।
आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूलों में पठन-पाठन बाधित
बैकुंठपुर। बाढ़ की वजह से बैकुंठपुर प्रखंड के 14 सरकारी स्कूल एवं 18 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पठन-पाठन प्रभावित हुआ है। नवसृजित प्राथमिक विद्यालय शीतलपुर में अभी भी जलजमाव की स्थिति है। अपग्रेड मिडल स्कूल आशा खैरा में जलजमाव के कारण इसे प्राइमरी स्कूल में स्थानांतरित किया गया है।
दिघवा दुबौली अपग्रेड मिडल स्कूल में जलजमाव के कारण मिडिल स्कूल सिरसा में स्थानांतरित किया गया है। प्यारेपुर, फैजुल्लाहपुर, गम्हारी, उसरी पंचायतों के कई आंगनबाड़ी केंद्रों को ऊंचे जगहों पर चलाया जा रहा है। इन स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में बाढ़ की वजह से छात्रों एवं कर्मियों को परेशानी हो रही है।
इस बारे मे बैकुंठपुर सीओ सुनील कुमार ने बताया कि बाढ़ से ध्वस्त हुए झोपड़ीनुमा घरों का सर्वेक्षण अगले महीने शुरू किया जा सकता है। आपदा प्रबंधन विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से निर्देश मिलने के बाद मुआवजे की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। बहरहाल सर्वेक्षण को लेकर किसी प्रकार का निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।