गोपालगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में फिल्म स्टार को बुलाया जा रहा। कंगना, रणबीर कपूर और आलिया भट्ट को निमंत्रण दिया गया है। यह लोग कौन से कारसेवक हैं। कांग्रेस 1949 से विरोध करती रही है, उसी के चलते सारे संघर्ष हुए। आज उस पार्टी के नेता को बुलाया जा रहा।
यह दर्द है गोपालगंज के विनय कुमार राय का।
विनय युवा अवस्था में ही वे राम मंदिर की लड़ाई में कूद पड़े थे। 21 साल उनकी उम्र थी। वह अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने में शामिल रहे। पुलिस की लाठियां भी खाई थीं। कई माह जेल में भी रहे।
उस समय सीबीआई ने विनय पर 22 सौ पन्ने का आरोप पत्र दायर किया था। विनय की नाराजगी है कि जब शुभ घड़ी आई तो इनकी उपेक्षा हो रही, मुझे नहीं बुलाया गया। वे बिहार के इकलौते कारसेवक हैं, जिनपर केस हुआ था।
विनय ने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद भगवान श्रीराम अपने घर पधार रहे हैं। जिसकी काफी खुशी है। देश और विदेशों के लाखों राम भक्तों में उत्साह है। उन्होंने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में पता नहीं न्यास को कौन निर्देशित कर रहा, किस रूप में निर्देशित कर रहा है कि हम लोगों को आमंत्रण कार्ड तक नहीं भेजा गया।
राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में 1989 से लेकर ढांचा हटाने तक मैं सम्मिलित रहा। सीबीआई केस में अभियुक्त रहा हूं। महीनों जेल में रहा हूं और आज प्राण प्रतिष्ठा में फिल्म स्टार को बुलाया जा रहा। जिनका कार सेवा में कभी कोई योगदान नहीं रहा। कंगना, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट यह लोग कौन कार सेवक हैं, स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस नेता को आमंत्रण भेजा जा रहा। कांग्रेस तो 1949 से विरोध करती रही है और उसी के चलते संघर्ष हुए।
मुलायम सिंह ने गोलियां चलवाई, उनके घर आमंत्रण भेजा जा रहा
मुलायम सिंह यादव जिसने गोलियां चलवाई। सैकड़ों कार सेवक मारे गए उनके घर में आमंत्रण कार्ड भेजा जा रहा है। जो कम्युनिस्ट, धर्म को मानते ही नहीं उन कम्युनिस्ट नेताओं को आमंत्रण भेजा जा रहा है।
दुख इस बात की कि जिन लोगों ने संघर्ष किया उनको नहीं पूछा जा रहा। कौन सी राजनीति आप कर रहे हैं। रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा के प्रति या राम का व्यापार कर रहे हैं। आप उन लोगों को आमंत्रण कार्ड भेज रहे हैं और मीडिया ट्रायल करवा रहे हैं कि लालू यादव नहीं आ रहे हैं। मुलायम सिंह के परिवार का कोई नहीं आ रहा। न्यास अयोध्या आंदोलन में जुड़े लोगों की उपेक्षा कर रहा है तो हम लोग इसका विरोध करेंगे और सार्वजनिक रूप से करेंगे।
48 लोगों पर दो हजार पन्नों का आरोप पत्र दायर हुआ था
विनय के मुताबिक, साल 1990 के आंदोलन में लाठियां, गोली खाईं और बाबरी मस्जिद को गिराने का संकल्प लिया था। बाला साहब ठाकरे, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी समेत 48 लोगों पर दो हजार पन्नों का आरोप पत्र सीबीआई ने दायर किया था। इस चार्जशीट में मेरा नाम भी था।
आंदोलन का जिक्र कर पुरानी यादें ताजा की
विनय कुमार राय काली स्थान के रहने वाले हैं। बातचीत में उन्होंने बताया कि किस तरह से साक्ष्य के अभाव में साल 2020 में सीबीआई ने उनको बरी कर दिया। विनय ने बताया कि 22 जनवरी को रामलला की हो रही प्राण प्रतिष्ठान को लेकर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है। वह उसमें शामिल भी होना चाहेंगे। हालांकि उनको वहां जाने का निमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन फोन पर सूचना जरूर मिली है।
विरोधी कहते थे संभव नहीं
विनय कुमार ने बताया कि हम लोगों का उद्देश्य नेक था कि रामलला ने जहां जन्म लिया है, मंदिर वहीं बनाएंगे। ये मन में विश्वास था। जब हम लोग 1990 में आंदोलन कर रहे थे तब विरोधी लोग कहते थे कि ये संभव नहीं हो सकता, भारत में कभी नहीं होने वाला है।
राम का जन्मस्थल कभी मुक्त नहीं होगा। तुम लोग उसे मुक्त कराने की झूठी कसम खा रहे हो, लेकिन अब ये सच हो रहा है। 22 जनवरी को रामलला विराजमान हो रहे। अपनी जन्मस्थली पर बालक के रूप में लला आएंगे। पूरा भारत खुशी में डूबा है। जश्न मना रहा है