उचकागांव।व्हीएसआरएस संवाददाता: प्रखंड के जमसड़ गांव में लगभग पचास वर्षों से चल रहे विवाद का निपटारा करने के लिए जब स्थानीय जनप्रतिनिधि तैयार हुए तो सीओ ने विवादित सड़क की जमीन का पैमाईश करा कर विवाद का निपटारा कर दिया।
बताया जा रहा है कि प्रखंड के जमसड गांव में आजादी से पहले हथुआ राज की छावनी स्थित थी। जहां क्षेत्र के किसानों से राजस्व वसूली की जाती थी। वर्तमान में जमसड़ बाजार से गुजरने वाले लाइन बाजार थावे मुख्य पथ से छावनी होते हुए प्रखंड क्षेत्र के लोग उस समय मीरगंज बाजार जाते थे। क्षेत्र के किसान इसी पथ से टायर बैल गाड़ी पर गन्ना लादकर मीरगंज स्थित मील पर गन्ना बेचने जाते थे। क्षेत्र के लोगों के आवाजाही का उस समय ये मुख्य पथ था। देश के आजादी के बाद राजतंत्र समाप्त होने पर जमसड़ स्थित छावनी का अस्तित्व धीरे-धीरे खत्म होने लगा और इसी के साथ यहां से होकर गुजरने वाले सबसे अधिक चलंत पथ अतिक्रमण का शिकार होने पर धीरे-धीरे गली में तब्दील हो गया।
जिसका नतीजा यह निकला कि आसपास की सभी सड़कों का तो पक्कीकरण हो गया। परंतु इस पथ पर रहने वाले लोग विवाद के कारण इस पथ का पक्कीकरण नहीं हो सका। क्षेत्र के लोगों ने भी इस पथ पर आवागमन रोक दिया। जिसका नतीजा है कि आजादी के बाद आजतक इस पथ पर रहने वाले लोग कीचड़नुमा सड़क पर रहने और गुजरने को मजबूर थे। विवाद का स्थानीय स्तर पर निपटारा नहीं होने के बाद मामला पटना हाई कोर्ट भी पहुंचा। इसके बावजूद भी मामले का निपटारा नहीं हो सका।
इसी तरह वर्ष दर वर्ष बीत गए। जिसके बाद प्रखंड के स्थानीय उप प्रमुख श्रीकृष्णा सिंह कुशवाहा और मुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र माझी ने पहल की तो सीओ रवीश कुमार ने सरकारी अमीन से इस पथ के जमीन की पैमाइश कराने का निर्णय लिया। जिसके बाद मंगलवार के दिन पूर्व सरपंच प्रतिनिधि डब्ल्यू सिंह, पूर्व बीडीसी मुरारी लाल सिंह, सुदर्शन सिंह, हसनैन अंसारी आदि के देखरेख में सरकारी और निजी दोनों अमीनों के द्वारा एक साथ पैमाईश की गई। पैमाईश के पश्चात पहुंचे सीओ रवीश कुमार ने अतिक्रमणकारियों को तुरंत अतिक्रमण हटाने का निर्देश देते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सड़क निर्माण कार्य अविलंब शुरू करने का निर्देश दिया।
जिसके आलोक में उप प्रमुख श्रीकृष्णा सिंह कुशवाहा ने पैमाइश से प्राप्त जमीन पर सड़क निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया है। इस संबंध में उप प्रमुख श्रीकृष्णा सिंह कुशवाहा ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सीओ रवीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद इस पथ पर 50 वर्षों से चले आ रहे विवाद का निपटारा हो गया है। सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद इस पद पर रहने वाले लोगों को कीचड़नुमा सड़क से मुक्ति मिल जाएगी।