- मांझागढ़ थाने के उमर मठिया के समीप नहर में मिला किसान का तैरता हुआ शव।
गोपालगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: कर्जदारों की प्रताड़ना से तंग आ कर एक किसान ने नहर में कूदकर अपनी जान दे दी। मृतक यूपी के कुशीनगर जिले के तमकुही राज थाने के गोसाई पट्टी गांव के राजधारी पाल का 55 वर्षीय बेटा सरल पाल था। उसका शव गोपालगंज जिले के मांझागढ़ थाने के उमर मठिया गांव के समीप नहर में मिला।
पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल में भेज दिया। मृतक के पुत्र ने आनंद कुमार पाल ने बताया कि उसके छोटे भाई को विदेश जाना था। बड़े भाई कानपुर के एक एजेंट से संपर्क कर उसे भेजने की तैयारी में जुट गया। इसकी जानकारी जब उसके छोटे भाई के दोस्तों को मिली तो वे भी विदेश भेज देने के लिए आनंद के बड़े भाई से सम्पर्क किए। इसके बाद साढ़े तीन लाख रुपए एजेंट को विदेश भेजने के लिए दिया गया। कुछ दिनों के बाद एजेंट रुपए लेकर फरार हो गया। इसके बाद जिन लोगों ने रुपए दिया था वे रुपए की मांग आनंद के बड़े भाई से करने लगे।
रुपए वापस लौटाने की बात कह वह विदेश चला गया। इसके बाद करीब एक लाख रुपए दे दिया गया। बाकि के रुपए के लिए उक्त लोग सरल पाल पर दबाव देने लगे। इसके बाद स्थानीय पुलिस से भी शिकायत की गई। शिकायत करने के बाद से सरल पाल मानसिक रूप से परेशान था।
मृतक का बेटा आनंद कुमार पाल ने यह आशंका जताया है कि कहीं कर्जदार ने हीं तो नहीं उसे नहर में धक्का दे दिया हो। उसने बताया कि इसकी जानकारी स्थानीय थाने की पुलिस को भी दी जाएगी।
गुरुवार से लापता था सरल पाल
सरल पाल के परिजनों ने बताया कि गुरुवार की सुबह वे चाय पीने के लिए चखनी टोला चौराहे पर गए थे। इसके बाद वे वापस घर नहीं लौटे। परिजनों ने जब उसकी खोजबीन की तो उसका कुछ सामान चखनी टोला स्थित नहर के समीप मिला। इसके बाद परिजनों ने घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई।
पुलिस मौके पर पहुंची और एनडीआरफ की टीम की मदद से शव की खोजबीन शुरू की गई। इस दौरान परिजनों को सूचना मिली की एक शव बिहार के गोपालगंज जिले के मांझागढ़ थाने के उमर मठिया गांव के समीप मिला है। इसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे।
घड़ी व लोअर से हुई पहचान
शव मिलने की सूचना पर सरल पाल के परिजन गोपालगंज में पहुंचे। तबतक पुलिस शव को लेकर सदर अस्पताल में पहुंच गई थी। परिजन जब सदर अस्पताल में आये तो शव देखकर उन्हें पहचान नहीं सके। लेकिन जब सरल पाल का मंझला बेटा आनंद कुमार पाल ने उनके हाथ मे देखा तो घड़ी था। उसने बताया की वह विदेश से जो घड़ी लेकर आया था अपने पिता को दिया था। उस घड़ी और उनके लोअर से बेटे ने शव की पहचान की।