मीरगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: डेंगू से बचने के लिए नगर परिषद मीरगंज ने तैयारी शुरू कर दी है। इसको लेकर अभियान के तहत शहर में फॉगिंग कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके अलावे एंटी लार्वा केमिकल का भी छिड़काव शुरू करवा दिया है।
क्योंकि, पिछले साल डेंगू ने शहर में तांडव मचाया था जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी जबकि सैकड़ों की संख्या में लोग पीड़ित हुए थे। इस साल नगर प्रशासन कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता है इसलिए समय पूर्व इससे बचाव के उपाय शुरू कर दिया है।इससे बचने को लेकर सारी उपाय की जा रही है।
बताया जा रहा है कि मौसम के बदलाव के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। एडीज मच्छर के डंक से डेंगू होता है। पिछले साल सितंबर महीने में डेंगू का प्रकोप शुरू हुआ था।इस साल समय रहते नगर प्रशासन तमाम तैयारी पूरी कर लेने का दावा कर रहा है। नगर प्रशासन ने दावा किया है कि डेंगू रोकने के लिए मुक्कबल तैयारी पूरी कर ली गई है।
डेंगू से निजात दिलाने को लेकर नगर परिषद शहरी क्षेत्र में फॉगिंग के साथ एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव करा रहा है। जिसे मच्छरों का आतंक खत्म हो सके।
नगर परिषद के सभापति अनिता देवी ने बताया कि डेंगू से बचाव को लेकर शहरी क्षेत्र में फॉगिंग व एंटी लार्वा का छिड़काव कार्य शुरू कर दिया गया है। प्रत्येक वार्डाें में छिड़काव करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एंटी लार्वा केमिकल को जमे पानी और नालियों में छिड़काव किया जा रहा है।
अब तक शहर में एक भी डेंगू के मरीज की पहचान नहीं हुई, लेकिन फिर भी स्वास्थ्य प्रशासन अपनी तैयारी कर रखी है। उचकागांव सीएचसी हेल्थ मैनेजर मनोज कुमार ने बताया कि डेंगू से बचाव को लेकर विभाग पूरी तरह से तैयार है। मीरगंज अस्पताल में डेंगू वार्ड बना दिया गया है। साथ ही जांच की व्यवस्था कर दी गई है।
लक्षण दिखते ही हो जाएं सावधान:
मीरगंज शहर के डॉ विवेक कुमार गुप्ता ने बताया कि डेंगू के लक्षण दिखते ही सावधान होने की जरुरत है। शुरूआती दौर में ही जांच कराने पर अगर बीमारी पॉजिटिव मिले तो इसका इलाज शुरू करा देना चाहिए। शुरुआती दौर में ही इलाज शुरू हो जाने से यह खतरनाक रूप नहीं ले पाता है।
इसकी अनदेखी से यह गंभीर हो सकता है। उन्होंने बताया तेज बुखार आना तथा शरीर में तेज दर्ज इसका सामान्य लक्षण हैं। डेंगू पीड़ित व्यक्ति में खून का प्लेटलेट्स काफी कम हो जाता है। सामान्य तौर पर खून का प्लेटलेट्स डेढ़ लाख से साढ़े चार लाख होना चाहिए, मगर डेंगू होने पर यह घटकर 50 हजार हो जाता है। डेंगू का मच्छर घरों के आस-पास नहीं पनप सके इसके लिए पानी जमा नहीं होने दें। डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है।
वर्ष 2019 में पांच व 2022 सात लोगों की हुई थी मौत :
मीरगंज शहर में डेंगू का प्रकोप वर्ष 2019 व 2022 में हो चुका है, वर्ष 2019 में पांच जबकि 2022 सात लोगों की मौत हुई थी वहीं सैकड़ों से अधिक लोग इसकी चपेट में आए थे| सरकारी स्तर पर समुचित इलाज की व्यवस्था नहीं होने पर लोग गोरखपुर, पटना व लखनऊ में जाकर इलाज करवाया था| बाद में फॉगिंग व छिड़काव से बीमारी पर काबू पाया गया था| एक बार फिर डेंगू ने शहर में दस्तक दी है जिससे लोगों में दहशत है |
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नगर प्रशासन डेंगू से बचाव को लेकर हर तैयारी कर ली है| सभी वार्डों में एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है, साथ ही फॉगिंग भी करायी जा रही है| इस बार शहर में डेंगू से बचाव की पूरी तैयारी की गई है|