मीरगंज।व्हीएसआरएस संवाददाता: कल शनिवार को बियाडा द्वारा किसानों की रैयती जमीन कब्जा करने के लेकर किसान आक्रोशित हो उठे और हंगामा करने लगे। किसानों ने आरोप लगाया कि बियाडा उनके पुश्तैनी जमीन को भी अपना बता कर उस पर कब्जा करने का जबरन प्रयास कर रहा है।
पीड़ित किसानों में शामिल सच्चिदानंद सिंह,सुशीला देवी, मालती देवी, मंजू देवी, सुनील मिश्रा, शिवनाथ सिंह आदि ने बताया कि बियाड़ा के द्वारा उनका जमीन जबरन कब्जा किया जा रहा है और साथ ही साथ धमकाया भी जा रहा है अगर उनकी यह हरकत बंद नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन आंदोलन भी शुरू किया जाएगा पर अपनी पुश्तैनी जमीन को किसी को लेने नहीं देंगे।
किसानों ने थाने को दिया आवेदन
इस बीच किसानों ने बढ़ते विवाद के बीच मीरगंज थाने में एक आवेदन दिया है जिसमें अपनी खातियानी जमीन को जबरन कब्जा करने का आरोप लगाते हुए बियाडा के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि बियाड़ा के द्वारा इस बारे में दस्तावेज दिखाने का अनुरोध करने पर उन्हें केस में फंसाने की धमकी दी जा रही है।
किसानों ने बताया कि उन्होंने विजयवाड़ा के अधिकारियों से बातचीत करने की पहल भी की पर उसे अनसुना कर दिया गया। विदित हो कि मीरगंज के बंद पड़ी चीनी मिल और शराब मिल के जमीन को खाली कराने के दौरान बियाडा अर्थात बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण और स्थानीय किसान आमने सामने आ गए हैं।
बियाड़ा ने शुरू कर दी है सरकारी जमीन की घेराबंदी
विदित हो कि मीरगंज के हरखौली पूर्व टोला में स्थित चीनी मिल और शराब मिल 10 को से बंद पड़ा है। उस जमीन के कीमती पार्ट्स पुरजे कबाड़ चोरों के द्वारा चुरा कर खोखला कर दिया गया है और अब सरकार उक्त जमीन को अपने अनुषांगिक संस्थान बियाड़ा के द्वारा घेराबंदी करवा रही है। हरखोली पूर्व टोला नारायणी या हरनावा कपरपुरा मीरगंज के किसानों का आरोप है कि बियाड़ा द्वारा चीनी मिल की बाउंड्री की गई अधिग्रहित जमीन के साथ-साथ आसपास के गांव के 86 किसानों की करीब 30 बीघा जमीन को जबरन कब्जा किया जा रहा है।
जबकि इन किसानों के पास वर्षो से लगान की रसीद और खेती करने का दस्तावेज है। नाराज किसानों ने किसी भी हालत में बियाड़ा को अपनी जमीन नहीं देने की बात कही है साथ ही साथ 15 फरवरी को प्रस्तावित सीएम के समाधान यात्रा में पहुंचकर विरोध करने की बात कही है।