- सवा करोड़ रुपए से ज्यादा का ठगी का हो सकता है मामला।
- अब तक जांच में 70 लाख रुपये तक पहुंची ठगी गई रकम।
मीरगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: विदेश जाने वाले बेरोजगार युवकों से ठगी करने को लेकर चर्चा में आए मीरगंज स्थित हथुआ रोड के अल अंसार बहुमंजिला भवन में चल रहे अल सफर कार्यालय गुरुवार को भी वैसे ही खुला पड़ा रहा।
घटना की खबर पाकर दूरदराज से आए लुटे पिटे बेरोजगार युवक दिन भर यहां आते रहे और अपनी जमा पूंजी की वापसी को लेकर आसपास घूमते रहे पर कहीं से कोई कारगर जवाब मिलने के बाद लौटते देखे गए। इस दौरान पीड़ितो ने कुछ और भी खुलासे किए हैं।
मिली जानकारी अनुसार अल सफर कार्यालय में कार्य कर रहे कुछ कर्मी घर घर जाकर बेरोजगारों से मिलते थे और उन्हें दुबई, अजरबाईजान और मालदीव में मोटी रकम पर नौकरी देने की बात का बहला-फुसलाकर ऑफिस तक लाते थे। इसके बाद कार्यालय मैं कार्यरत महिला कर्मी उनसे मोल तोल कर रकम ऐंठने का काम करती थी।
इस दौरान कार्यालय में एक बुजुर्ग महिला को भी देखा जाता था जो सबसे पीछे बैठती थी और ली गई रकम का हिसाब किताब करती थी उसे स्थानीय कर्मी दिल्ली के हेड ऑफिस का ऑफिसर बताया जाता था।
नाराज भीड़ के कार्यालय में घुसने पर पर बाथरूम में छुप गई थी महिला कर्मी।
मिली जानकारी अनुसार मंगलवार को जब आक्रोशित ठगे गए लोग अल सफर के कार्यालय में घुसे तो वहां पर कार्यरत महिला कर्मी बाथरूम में घुस गई थी स्थानीय लोगों के बीच-बचाव और उनके आश्वासनों के बाद भीड़ ने उनको छोड़ा था। इसके बाद वे फिर कभी कार्यालय में नजर नहीं आई।
इस दौरान एक बाइक सवार युवक ने यहां कार्य कर रही एक युवती को अपनी बाइक पर बैठा कर ले जाते देखा गया। लोग जब तक उसको पकड़ पाते वह उसे लेकर रफूचक्कर हो गया। पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि वहां पर मौजूद मकान के मालिक ने उनको छुड़वाने में मदद की और यहां तक कहा कि यदि किसी तरह की गड़बड़ी होती है तो वे अपनी तरफ से लोगों की रकम भरेंगे।
मात्र 2 माह में हो गया करोड़ो रुपए का खेला।
मीरगंज के अल अंसार बहुमंजिला भवन में करीब 2 माह पहले जुलाई के अंतिम सप्ताह में यहां पर गुपचुप ढंग से अल सफर का कार्यालय खोला गया था। कार्यालय खोलने के समय किसी तरह की कोई औपचारिक कार्यक्रम भी नहीं रखा गया था और ना ही स्थानीय लोगों को बताया ही गया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मौके पर सिर्फ कार्यालय के कर्मी और कुछ उनसे जुड़े लोग ही पहुंचे थे। ठगे गए पीड़ित लोगों ने बताया कि गांव और कस्बे में घूम घूम कर सिर्फ उन लोगों से ही संपर्क किया जाता था जो गरीब तबके के होते थे और बाहर जाने के बेहद इच्छुक होते थे। मीरगंज में आने पर उनके लिए हेल्थ जांच का भी केंद्र था जो थाना रोड में कार्यरत हैं। रकम लेने के बाद उन्हें जाली वीजा और फर्जी एयर टिकट पकड़ा दिया जाता था।
दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट से जाली वीजा और टिकट के कारण लौटा दिए जाने के बाद मामले का हुआ खुलासा। अल सफर कंपनी का भाड़ा यहां तक फूटा जब उसके जाली वीजा और एयर टिकट लेकर कुछ लोग मुंबई तो कुछ लोग दिल्ली विदेश जाने के लिए पहुंचे। एयरपोर्ट के बाहर ही जाली टिकट कंफर्म होने के बाद उन्हें वापस लौटा दिया गया जब उन्होंने इसकी शिकायत इनके मोबाइल नंबर पर की तो वहां टिकट को कैंसिल दिखा दिया गया और अगले शिफ्ट में बाहर भेजने का वादा किया गया। पीड़ितों ने बताया कि उन्हें इन चार नंबरो 9006316033, 7033316030, 8436760711, 9910809112 से ज्यादा बातचीत होती थी जो अब सब बंद हो गई है। इस संबंध में थानाध्यक्ष छोटन कुमार ने बताया कि करीब 150 पासपोर्ट बरामद किया गया है और कांड से जुड़े लोगों को गिरफ्तारी के लिए छापेमारी अभियान जारी है।