गोपलगंज।व्हीएसआरएस संवाददाता: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोपालगंज के कार्यकर्ताओं ने चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम लागू करने से बिहार सरकार के हाथ खींचने और स्नातक प्रथम वर्ष नामांकन पर रोक लगाने के आदेश का कड़े शब्दों में निंदा करते हुए बुधवार को कमला राय कॉलेज में बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया।
जिला संयोजक प्रिंस सिंह ने कहा कि बिहार सरकार के इस कदम से स्पष्ट हो गया है कि नीतीश राजद सरकार प्रदेश के युवाओं के भविष्य को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं है कहा कि बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर के रूप में सकारात्मक प्रयासों पर बिहार सरकार अपनी दिशाहीनता के कारण रोड़े अटकाने का काम कर रही है।
प्रदेश कार्यकारणी सदस्य मंजीत राय ने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था नीतीश राजेंद्र सरकार में लगातार रसातल में जा रही है। गुणवत्ताविहीन शिक्षा के कारण आज बिहार से हजारों युवाओं का पलायन हो चुका है लेकिन फिर भी बिहार सरकार के पास इस स्थिति में सुधार का कोई रोडमैप नहीं है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार से मांग करते हुए कहा कि नीतीश कुमार यह बताएं कि बिहार की गर्त में जा चुकी शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने के लिए हुए क्या कर रहे हैं आज बिहार में शैक्षिक संस्थानों में भी बुनियादी ढांचे के अभाव भारी संख्या में शैक्षणिक व गैर शैक्षिणक पदों की रिक्तियां, सत्र में विलम्ब, भारी भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश के युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है इन्हें जल्द से जल्द सुधार करें।
जानकारी देते हुए प्रदेश कार्यकारणी सदस्य अनिश कुमार ने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था नीतीश कुमार के निम्न स्तरीय तथा मूल्यहीन राजनीति का शिकार हो गई है। नीतीश- राजद सरकार की नीतियों के कारण युवाओं का भविष्य अंधकारमय तथा अनिश्चितताओं से भर गया है 4 वर्षीय पाठ्यक्रम लागू करने से पीछे हटना एवं स्नातक प्रथम वर्ष पर तत्काल रोक लगाना बिहार सरकार का अब तक का सबसे निम्न स्तरीय कृत्य है। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में जो लिस्ट जारी होने के बाद नामांकन पर रोक लगाने से छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो गया है अगर जयप्रकाश विश्वविद्यालय के पदाधिकारी स्नातक प्रथम वर्ष पर नामांकन प्रक्रिया पर रोक लगाती है तो उग्र आंदोलन होगा जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में जिस की जवाबदेही सरकार की होगी।
तो वही अभाविप के नगर मंत्री आकाश गोयल और कमला राय कॉलेज अध्यक्ष रोहित जयसवाल ने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था जब बर्बाद हो रही थी तब केके पाठक जैसे अधिकारी कहां थे?
केके पाठक सहित अन्य अधिकारियों को राज्य की बदहाल शिक्षा व्यवस्था के पीछे के कारकों का अध्ययन करना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसे विजनरी नीति का अध्ययन भी किया जाना चाहिए।
राजभवन की मर्यादा तथा सम्मान के साथ बिहार सरकार खिलवाड़ कर रही है शिक्षा मंत्री कुलपतियो के साथ घर बैठक कर रहे हैं, जबकि उन्हें राजभवन के साथ सार्थक संवाद रखते हुए यह प्रक्रिया करनी चाहिए। बिहार सरकार को अपने कुत्सित प्रयासों द्वारा गलत परंपरा की बुनियाद रखने से बचाना होगा।
जबकि कमला राय कॉलेज के महामंत्री विकी कुशवाहा, उपाध्यक्ष रौनक श्रीवास्तव और उपाध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि बिहार की युवाओं के भविष्य को अंधकारमय तो पहले ही नीतीश कुमार कर चुके हैं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से पीछे हटकर बची हुई आशाओं को भी सरकार तिलांजलि देना चाहती है।
शिक्षा मंत्री और नीतीश कुमार को राजभवन के साथ सहयोगनात्मक रवैया अपनाना चाहिए था,लेकिन यहां तो नीतीश कुमार सकारात्मक बदलावों पर कुंडली मारकर बैठ गए हैं। स्थिति पूरी तरह बदलने चाहिए।
इस दौरान प्रदेश कार्यकारणी सदस्य अश्वनी सोनी, नगर सह मंत्री विवेक कुमार ,आशीष पटेल, रिशु राज, विराट ब्याहुत, अनुराग, नवीन, लक्कू ,विनय , आकाश सहित दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद रहें।