गोपालगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: इंस्ट्राग्राम पर फर्जी कंपनी बनाकर अफ्रीका के सप्लाइ चेन ऑफिसर से बड़ी ठगी। अगर आप शेयर बाजार में पैसा निवेश करते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। कंपनी का फर्जी एप बनाकर साइबर ठग लोगों से मोटी रकम ऐंठ रहे हैं।
गोपालगंज में एक ऐसा ही मामला सामने आया है अफ्रीका में रहकर जॉब करने वाले गोपालगंज के एक नागरिक से साइबर ठगों ने इंस्टाग्राम पर ग्रुप बनाकर इंटरनेशनल ट्रेडिंग के नाम पर 15 लाख की ठगी कर ली है। कल शनिवार को पीड़ित ने साइबर थाना पहुंचकर पुलिस अधीक्षक की ऑनलाइन जनसुनवाइ में इसकी शिकायत की।
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने पीड़ित की शिकायत को सुनने के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी दिलीप अवंतिका को तत्काल इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।
साथ ही पीड़ित की राशि को रिकवरी कराने को कहा। पुलिस अधीक्षक के निर्देश के बाद साइबर थाने की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
नगर थाना क्षेत्र के हजियापुर गांव के रहनेवाले अनिल कुमार ने बताया कि वे अफ्रिका में सप्लाइ चेन ऑफिसर हैं। इंस्टाग्राम पर एक ग्रुप बनी थी,
जिसका नाम वेल्स कैपीटल्स ग्रुप था। इंटरनेशनल ट्रेडिंग के लिए उनको प्रलोभन दिया गया। शुरुआती दौर में उन्होंने जांच किया तो पता चला कि कंपनी हुबहू असली जैसी लगी। उन्होंने बताया कि पहली बार 15 जनवरी को पांच लाख लगा दिया। उसके बाद 18 और 30 जनवरी को पांच-पांच लाख रुपये निवेश किया।
लेकिन बाद में पैसा बढ़कर 93 लाख दिखाने लगा। जब कैश विड्रोल करने की कोशिश किया तो पैसा खाते में नहीं आया और उन्हें जानकारी हुई कि वे ठगी के शिकार हो गये।
बरतें ये सावधानी
- किसी ऐप की समीक्षा देखकर ही डाउनलोड करें।
- विश्वसनीय कंपनियों के ऐप को ही इंस्टॉल करें।
- व्यावसायिक ट्रांजेक्शन से पहले अच्छी तरह जांच लें।
- अज्ञात टेलीग्राम ग्रुप के जरिए पैसा निवेश न करें।
- अगर बन गए हैं तो थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएं।
- वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।
- ऐसे किया जाता है ऑनलाइन फर्जीवाड़ा
साइबर डीएसपी अवंतिका दिलीप बतातीं हैं कि साइबर ठगों ने ट्रेनिंग कंपनी में निवेश के नाम पर लोगों को झांसा देने के लिए एप, वेबसाइट और कंपनी बनायी है। वे नामी कंपनियों के प्रतिनिधि बनकर लोगों से निवेश करने के लिए संपर्क करते हैं। साइबर ठग उन्हें बातों में फंसाने के लिए फर्जी कंपनी की वेबसाइट दिखाते हैं।
इसे देखकर लोग ट्रेडिंग कंपनी पर विश्वास कर लेते हैं। फिर साइबर ठग उन्हें अपना अकाउंट खुलवाने के लिए कहते हैं। इसके बाद शुरू हो जाता है ठगी का खेल।