उचकागांव| व्हीएसआरएस संवाददाता: बारिश कम होने से प्रखंड क्षेत्र के दर्जन भर पोखर, तालाब व जलाशय सूख गए है| इसमें सरकारी व निजी तालाब शामिल है| इससे बड़े स्तर पर मछली पालकों को नुकसान उठाना पड़ा है|
मनरेगा के द्वारा खुदवाए गए अमृत सरोवर का पानी भी सूख गया है| प्रखंड क्षेत्र में दो अमृत सरोवर की खुदाई हो चुकी है जबकि दो और होने है। तालाब सूखने से किसानों के सामने सिंचाई की समस्या भी उत्पन्न हुई है। इस साल कम बारिश की वजह से बाकी तालाबों में डेड लेवल तक का भी पानी नहीं है।प्रखंड क्षेत्र में 165 सरकारी तालाब व पोखर है|
स्थिति यह है कि कई तालाबों में एक फीसदी भी जलभराव नहीं है। बारिश कम होने के कारण क्षेत्र का जलस्तर लगातार गिर रहा है। हैंडपंप, कुएं व नलकूप का पानी धीरे-धीरे रसातल की ओर जाने लगा है। इसके अलावा तालाब, पोखर, जलाशय भी सूखने लगे हैं। इससे मवेशियों के लिए भी पानी की कमी हो रही है। जो गर्मी में होने वाले भीषण पेयजल संकट का संकेत दे रहे हैं।
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न्यूनतम स्तर से भी कम जलभराव:
उचकागांव में कुल 165 पोखर, तालाब व जलाशय है| मनरेगा ने दो अमृत सरोवर खुदवाए है। इन पोखर, तालाब व जलाशयों में 1465 घनफीट जलभराव की क्षमता है। जिसमें कम से कम 165 घनफीट पानी का भराव होना चाहिए। लेकिन इस बार जलभराव न्यूनतम स्तर जितना भी नहीं है। मछली पालक कमलेश बिन्द का कहना कि बारिश नहीं होने से काफी नुकसान हुआ है| पानी सूख जाने से मछलियां मर गई है|