उचकागांव| व्हीएसआरएस संवाददाता: उचकागांव प्रखंड के 20 वीर योद्धाओं ने देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों से लोहा लेने का काम किया| इसमें कई स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए अपनी जान तक दे दी| स्वतन्त्रता सेनानी जनार्दन सिंह ने अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेते हुए कई मौके पर अंग्रेजी हुकूमत को मुँह तोड़ जवाब दिया| वह वर्ष 1923 में वह सबेया हवाई अड्डा के पास अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा बनायी गई बिजली संचरण की व्यवस्था को ध्वस्त कर दिए थे |
जिससे बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई थी| वह अपने साथियों के साथ बिजली के तार को काट दिया था | साथ ही थावे -सिवान रेल खंड पर वृन्दावन के पास रेल खंड को उखाड़ दिया| उस समय रेल मार्ग से अंग्रेजी सरकार के किसी बड़े अधिकारी को आना था| इसके बाद अंग्रेजी सरकार ने उनको दो मामले में तीन -तीन माह का कारावास कर दिया| लेकिन जेल जाने के बाद भी उनके अंदर देश को आजाद कराने का जज्बा कम नहीं हुआ| जेल से छूटने के बाद उनका आंदोलन और तेज हो गया|
इस बीच मीरगंज थाने के बड़कागांव मोड़ पर डॉ राजेन्द्र प्रसाद से एक कार्यक्रम में मुलाक़ात हो गई| जिसमें वह उनसे मिलकर और ऊर्जावान हो गए| स्वतन्त्रता सेनानी जनार्दन सिंह के पुत्र प्रोफेसर मोहन लाल सिंह बताते है कि उस समय वह डॉ राजेंद्र बाबू को पांच रुपए की राशि सहयोग के रूप में दी थी| वह अपने पिता जगनाथ सिंह से स्वतन्त्रता आंदोलन की प्रेरणा लेते थे| महज 17 साल की अवस्था में ही वह आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे| उनका जन्म वर्ष 1901 के जुलाई माह में उचकागांव प्रखंड के रघुआ गांव में हुआ था|
उनकी प्राथमिक शिक्षा जमसड़ प्राइमरी स्कूल से हुई| उस समय वह स्कूल कैलगढ़ इस्टेट से संचालित हो रहा था| आजादी के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार मीरगंज विधानसभा (वर्तमान में हथुआ) से विधायक के लिए चुने गए | मीरगंज विधानसभा के प्रथम विधायक होने का गौरव उनको प्राप्त है| वह वर्ष 1952 से 1962 तक विधायक रहे| उसके बाद जिला परिषद के सदस्य व जमसड़ पंचायत के मुखिया भी बने| काफी दिनों तक वह अपने आवास पर स्कूल खोल कर बच्चों को पढ़ाने का भी कार्य किया|
इनके अलावे 19 ऐसे योद्धा थे जो अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लिया था इनमें झगरू भगत, महंथ लाल, जटाशंकर, सुरेंद्र नाथ, विक्रमाजीत पाण्डेय, शिवनंदन दास, मानिक चंद पाण्डेय, भीखी राय, नन्दकिशोर राय, उत्तम सिंह, नवाब तिवारी, बुधई भगत, गौरीशंकर सिंह, चंद्रदेव सिंह, ब्रह्म देव प्रसाद, रामावतार साह, रामरतन प्रसाद, लुटवन भगत व जगदेव प्रसाद शामिल हैं|