पटना(व्हीएसआरएस न्यूज) सुशासन बाबू मुख्यमंत्री नीतिश कुमार के हाथ से कानून व्यवस्था निकल चुकी है। अगर अपराध के ग्राफ को देखा जाए तो बिहार के 15 जिले अपराध में नंबर वन पर है। हत्या,दुष्कर्म के 730 मामले दर्ज हुए। बाकी के 25 जिलों के मुकाबले यहां मौत का खेल ज्यादा खेला जाता है। बिहार में साल 2019 में हुई अपराध की घटनाओं के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) की तर्ज पर राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (एससीआरबी) द्वारा तैयार क्राइम इन बिहार-2019 के ई-पब्लिकेशन का लोकार्पण मंगलवार को डीजीपी एसके सिंघल ने किया।
एससीआरबी की वेबासाइट पर उपलब्ध ये आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2019 में बिहार में हत्या की 3,138 घटनाएं सामने आईं। हत्या की ज्यादा घटनाएं सीवान, मुजफ्फरपुर, वैशाली, भोजपुर, पटना, जहानाबाद, गया, शेखपुरा, नालंदा, लखीसराय, जमुई, बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा और पूर्णिया में हुईं। ये ऐसे जिले हैं, जहां अन्य जिलों के मुकाबले हत्या की वारदात ज्यादा हुई। हत्या की अपराध दर (प्रति लाख की आबादी पर) 2.9 रही। साल 2019 में सूबे में बलात्कार की 730 घटनाएं सामने आईं, वहीं वर्ष 2018 में 651 मामले सामने आए थे। अन्य जिलों के मुकाबले दरभंगा, सुपौल, अररिया, किशनगंज, खगड़िया, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, शेखपुरा, नवादा, गया, अरवल, जहानाबाद और पटना में बलात्कार से जुड़ी घटनाएं ज्यादा थीं। दहेज हत्या के मामलों में मामूली वृद्धि हुई है।
वर्ष 2018 में जहां दहेज हत्या की 1,107 घटनाएं दर्ज हुईं, वहीं 2019 में यह संख्या 1,120 रही। पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण और पटना समेत कुल 17 जिले चिह्नित किए गए हैं, जहां दहेज के लिए हत्या की घटनाएं ज्यादा हुईं। एसिड अटैक की राज्य में जितनी भी घटनाएं दर्ज हुईं, उनमें सबसे ज्यादा घटनाएं पूर्वी चंपारण, मधुबनी, कैमूर, खगड़िया, मुंगेर और कटिहार से सामने आई हैं, वहीं अपहरण के ज्यादतर मामले सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, सारण, वैशाली, पटना, रोहतास, जहानाबाद, नालंदा, लखीसराय, भागलपुर समेत 15 जिलों में हुए।