• बरौली सीट से नेमतुल्लाह विधायक।
• 2015 में 504 वोटों से विजेता बने।
• बीजेपी के राम प्रवेश राय को हराया।
गोपालगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: बरौली विधानसभा सीट बरौली विधानसभा बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां कुल 398969 जनसंख्या में से 89.5% ग्रामीण है और 10.5% शहरी आबादी है। अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का अनुपात कुल जनसंख्या से क्रमशः 12.22 और 1.04 है। 2019 की मतदाता सूची के अनुसार इस निर्वाचन क्षेत्र में 284585 मतदाता और 285 मतदान केंद्र हैं।
बरौली विधानसभा सीट पर पिछले कई चुनाव में लगातार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कब्जा देखने को मिला था। हालांकि साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने बरौली विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था। 2015 में महज कुछ ही वोटों से बीजेपी इस सीट पर फिर से जीत दर्ज करने में नाकाम साबित हुई थी। 2015 के चुनाव में आरजेडी के नेमतुल्लाह इस सीट से 504 वोटों से विजेता बने थे।
गोपालगंज जिले में छह सीटों में से एक सीट बरौली विधानसभा भी है। यहां अन्य विधानसभा सीटों से हटकर योग्यता धारक चुनाव मैदान में उतरे हैं। सभी प्रत्याशी चुनाव चिन्ह आवंटित होने के बाद पूरा जोर लगाकर प्रचार कर रहे हैं। इस<span;> बार बरौली विधानसभा सीट पर भी मुकाबला टक्कर का देखने को मिल सकता है। इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेमतुल्लाह विधायक हैं। वहीं 2015 में इस सीट पर मुकाबला टक्कर का देखा गया था और कुछ ही वोटों से बीजेपी इस सीट को हार गई थी।
प्रत्याशियों की ओर दाखिल शपथ पत्र पर नजर डालें तो इस विधानसभा सीट से साक्षर से लेकर एमबीबीएस व इंजीनियर तक चुनाव मैदान में हैं। नामांकन दाखिला के समय प्रत्याशियों की ओर से दाखिल किए गए शपथ पत्र में उनका पूरा बायोडाटा सामने आ गया है। बरौली विधानसभा सीट से कुल 18 प्रत्याशी मैदान में डटे हैं। इनमें कई दलीय तो कई निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं। प्रत्याशियों की ओर से दाखिल शपथ पत्र इनकी योग्यता की कहानी बयां कर रही है। तमाम प्रत्याशियों की योग्यता पर नजर डालें तो यहां चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों में साक्षर, नौवीं पास, मैट्रिक, इंटर, स्नातक, इंजीनियर व एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त प्रत्याशी भी हैं। चुनाव मैदान में डटे भाजपा प्रत्याशी रामप्रवेश राय स्नातक तक की डिग्री रखते हैं। इसी प्रकार राजद के प्रत्याशी रेयाजुल हक राजू व एनसीपी के प्रत्याशी सचिन कुमार सिंह के पास भी स्नातक तक की डिग्री है। निर्दलीय प्रत्याशियों में अभिषेक रंजन एमबीबीएस की डिग्री वाले जिले के नामी गिरामी चिकित्सक हैं। चुनाव मैदान में उतरने के बावजूद वे चुनाव प्रचार के समय साथ में स्टैथोस्कोप (आला) लेकर चल रहे हैं। इसी प्रकार निर्दलीय आजम तारा स्नातक व वसीर अकरम इंजीनियर हैं। यहां से निर्दलीय मैदान में उतरे सुनील कुमार यादव इंटरमीडिएट तो रुदल महतो नौवीं पास हैं। निर्दलीय प्रत्याशियों में से एक रमेश कुमार प्रसाद ऐसे प्रत्याशी हैं, जिनके पास कोई भी डिग्री नहीं है। उन्होंने अपने शपथ पत्र में खुद को साक्षर बताया है। इस सीट पर जनता पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरीं पूनम प्रसाद भी एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त हैं। शपथ पत्र के अनुसार चुनाव मैदान में उतरे कुल 18 प्रत्याशियों में करीब आधे प्रत्याशियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज है। उनकी संपत्ति पर नजर डालें तो मैदान में उतरे प्रत्याशियों में से तीन करोड़पति तो दस लखपति हैं।
आपको बताते चलें कि राजनीतिक पृष्ठभूमि बरौली विधानसभा सीट पर पिछले कई विधानसभा चुनाव में बीजेपी का दबदबा देखने को मिला है. वहीं बीजेपी के राम प्रवेश राय की इस विधानसभा क्षेत्र में काफी मजबूत पकड़ देखने को मिलती है. 1985 और 1995 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और 1990 के विधानसभा चुनाव में जेएनपी (जेपी) की तरफ से चुनाव लड़ने वाले राम प्रवेश तब इस सीट पर दूसरे नंबर पर रहे थे। हालांकि इसके बाद 2000, फरवरी 2005, अक्टूबर 2005 और 2010 के चुनाव में राम प्रवेश राय ने बीजेपी की टिकट पर लगातार 4 बार जीत दर्ज की। हालांकि 2015 के चुनाव में मामूली वोटों के अंतर से इस सीट पर राम प्रवेश को हार का सामना करना पड़ा।