मीरगंज। व्हीएसआरएस संवाददाता: विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद दलहन में अचानक आयी तेजी से लोग मुश्किल में है। धीरे-धीरे अरहर की दाल लोगों की थाली से गायब होने लगी है। मीरगंज शहर के अलावे लाइन बाजार,सामपुर,सांखे,अरना,जमसड़ आदि बाजारों में दाल और खाद्य तेल की महंगाई ने लोगों का पसीना छुड़ाना शुरू कर दिया है। इसको लेकर शहर से गांव तक लोग परेशान हो उठे है।
बताया जा रहा है कि जहां पहले बाजारों में 85 रुपए प्रति किलो बिकने वाली अरहर की दाल अब 100 के पार जा चुकी है। जबकि 55 रुपए किलो बिकने वाली चना दाल 65 रुपए, 65 रुपए किलो बिकने वाली मसूर दाल 70 रुपए प्रति किलो और 70 रुपए प्रति किलो बिकने वाली बड़ी अरहर दाल का मुल्य 80 रुपए प्रति किलो हो गई है। जबकि 105 रुपए प्रति लीटर बिकने वाली कची घानी सरसों तेल की कीमत 140 रुपए तक पहुंच गई है। जानकारों की मानें तो विधानसभा चुनाव के दौरान इन खाद्य-पदार्थों की कीमत और भी बढ़ने वाली है। कोरोना महामारी के दौरान लगभग सभी बंद चल रहे रोजी रोजगार से आम लोग तो परेशान थे ही परंतु अब क्षेत्र के बाजारों में दाल और सरसों तेल की आसमान छू रही कीमत भी लोगों के परेशानी का कारण बनती जा रही है। सरकार की खाद्य पदार्थों की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए कोई तैयारी नहीं होने के कारण बाजारों में बिक रही दाल की बढ़ती मंहगाई के कारण अब विधानसभा चुनाव से पहले ही लोगों की थाली से दाल गायब होता नजर आ रहा है।
आपको बताते चलें कि दाल की कीमत में सुधार नहीं होने पर दाल की महंगाई का मुद्दा बिहार विधानसभा चुनाव में सरकार की चुनावी गणित बिगाड़ सकती है।