पटना| व्हीएसआरएस न्यूज: बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का खतरा कम करने के लिए राज्य सरकार के स्तर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। वैसे भी इस राज्य में कोरोना के मरीज अब काफी कम मिल रहे हैं। हालांकि एंटीजन किट से हो रही जांच की विश्वसनीयता को लेकर सवाल बना हुआ है। इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने आरटी-पीसीआर विधि से जांच का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीच में एंटीजन किट से जांच पूरी तरह बंद कर दी गई है। अब इस अस्पताल में केवल आरटी-पीसीआर विधि से ही जांच होगी। इससे कोरोना के अधिक सटीक आंकड़े सामने आ सकेंगे। यह विधि जांच के लिए एंटीजन किट के मुकाबले अधिक विश्वसनीय है। एंटीजन किट से एक ही व्यक्ति की कुछ दिनों के अंतराल पर जांच करने से अलग-अलग परिणाम सामने आ रहे थे।
मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक पटना के दूसरे बड़े सरकारी अस्पतालों में शामिल एम्स पटना और आइजीआइएमएस में पहले ही एंटीजन किट का इस्तेमाल बंद कर दिया गया था। इन दोनों अस्पतालों में सिर्फ आरटी-पीसीआर विधि से ही कोरोना के आशंकित मरीजों की जांच हो रही है। एंटीजन किट से जांच में कोरोना के बेहद कम मामले पहचान में आ रहे थे, जबकि आरटी-पीसीआर विधि में ऐसे मरीजों की ज्यादा आसानी से और सटीक पहचान हो रही है।
आपको बताते चले कि पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा सिंह के मुताबिक सरकार ने आरटी – पीसीआर विधि से जांच की संख्या बढ़ाने को कहा है। इसमें कहीं भी एंटीजन रैपिड किट का इस्तेमाल बंद करने की बात नहीं है। अगर किसी इलाके में अधिक कोरोना संक्रमित मिलते हैं तो वहां एंटीजन किट से अभियान चलाकर जांच कराई जाएगी।