दरभंगा| व्हीएसआरएस न्यूज: दरभंगा रियासत के साथ सेवा का संकल्प जारी| अब भले ही राजशाही नहीं रही, पर अंतिम महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह की कीॢत चहुंओर है। उनके पौत्र सेवा के गीत गा रहे। दिल्ली में वेब डिजाइन कंपनी और बची रियासत संभाल रहे कुमार कपिलेश्वर सिंह पीडि़त मानवता की सेवा और खेल को प्रोत्साहित करने में लगे हैं। दिव्यांगों को सहारा दे रहे तो हादसों में हाथ-पैर गंवा चुके लोगों को कृत्रिम अंग। कैंसर मरीजों को भी उम्मीद की किरण दिखा रहे। वहीं, युवाओं को विभिन्न खेलों के प्रति उत्साहित कर रहे। उद्देश्य यह है कि रियासत ने सेवा के जिस संगीत को गाया, उसका ‘रागÓ बरकरार रहे। उससे पीढिय़ों का जुड़ाव बना रहे। कपिलेश्वर के इस काम में अमेरिका में रह रहे उनके भाई कुमार राजेश्वर सिंह और पत्नी कविता सिंह का भी साथ हैं।
इन सेवा कार्य के बारे में कपिलेश्वर बताते हैं कि बचपन में पिता कुमार शुभेश्वर सिंह से परिवार के सेवा संकल्पों की बात सुनते रहे हैं। दादा द्वारा स्थापित महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह मेमोरियल अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, दरभंगा में लोगों के इलाज को देखते आए। पिता लोगों की सेवा के साथ खेल को भी बढ़ावा देना चाहते थे। अब वही विरासत संभाल रहे।
वही वर्षों की परंपरा को चलाने के लिए पिछले दो महीने से दिल्ली के काम को छोड़कर कुमार कपिलेश्वर दरभंगा में हैं। पत्नी कविता और पुत्र भी साथ हैं। दादा कामेश्वर सिंह की जयंती पर शुरू किए गए अभियान के तहत दो महीने में पांच दर्जन लोगों को ट्राईसाइकिल, तीन दर्जन दिव्यांगों को जरूरी उपकरण दिए हैं। इतनी ही संख्या में दिव्यांगों को कृत्रिम अंग भी मुहैया कराने की तैयारी हैं। मधुबनी व दरभंगा के दिव्यांग गण बताते हैं कि दिव्यांगता को मात देने के इस प्रबंध ने हमें समाज में सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है।
आपको बताते चले कि कुमार कपिलेश्वर सिंह बताते हैं कि कैंसर के मरीजों के इलाज को लेकर महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिये इंतजाम किया जा रहा। महावीर कैंसर संस्थान और शोध केंद्र, पटना के प्रबंधन से बात हो रही। शीघ्र ही चयनित लोगों का इलाज निशुल्क शुरू कराएंगे।