मुजफ्फरपुर| व्हीएसआरएस न्यूज: केन्द्र सरकार की ओर से लाए गए नई कृषि कानून का विरोध अब किसान पंचायत लगाकर किया जाएगा। इसके लिए जनसंपर्क तेज किया गया है। वामपंथी संगठन की ओर से यह पहल चल रही है। 21 मार्च को किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। एआईकेकेएमएस के जिला सचिव काशीनाथ साहनी ने कहा कि तीनों काला कृषि कानून व बिजली संशोधन बिल 2020 वापस कराने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य( एमएसपी) को कानूनी दर्जा देने की मांग पर देशभर में किसान आंदोलन चल रहा है । यहां पर आंदोलन को लेकर रोज धरना पदर्शन चल रहा है। प्रतिदिन किसान खुदीराम बोस स्मारक स्थल पर धरना देकर विरोध कर रहे है।
इसी कड़ी में अब किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक की बिना शर्त सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती। जब पूरे देश भर में कोरोना काल चल रहा था , पूरा देश महामारी और संकट से जूझ रहा था। उस वक्त बीजेपी सरकार ने बहुमत के बल पर अध्यादेश के जरिए तीन कृषि काले कानून ले आई। आज देश और दुनिया में भारी मंदी का दौर चल रहा है उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं देशी और विदेशी पूंजीपतियों को मुनाफा कमाने के लिए नए क्षेत्र की जरूरत है। इसलिए कृषि को भी निजीकरण करना चाहती है।
कृषि कानून किसान विरोधी ही नहीं महंगाई बढ़ाने वाली कानून भी है। इसलिए किसान के हित में यह कानून हर हाल में वापस होना चाहिए। 21 मार्च को एमपीएस साइंस कॉलेज परिसर में किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इसमें देश के किसा नेता जुटेंगे तथा नए कानून के बारे में किसानों को जागरूक करेंगे।