रांची| व्हीएसआरएस न्यूज: लालू को एकबार फिर झटका लगा है, उन्हें जमानत नहीं मिल पाई है। सीबीआइ ने उनके जेल से बाहर निकलने का रास्ता शुक्रवार को एक बार फिर से रोक दिया है। लालू की जमानत पर अब अगले हफ्ते सुनवाई होगी। झारखंड हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव और सीबीआई से उनके अबतक के कुल कस्टडी दिवसों की सत्यापित प्रति मांगी है। इससे पहले उम्मीद की जा रही थी कि लालू को आज जमानत मिली तो वे जेल से बाहर आ जाएंगे। लालू यादव के अनुसार दुमका वाले मामले में वे 42 माह जेल में रहे। जबकि सीबीआई के अनुसार 37 माह 6 दिन। इस पर कोर्ट ने दोनों से कस्टडी के दिनों में होने वाले अंतर की सत्यापित आदेश की प्रति कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया है।
झारखंड हाईकोर्ट में लालू की ओर से पैरवी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल सुनवाई में शामिल हुए। लालू के मामले की हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई। इससे पहले लालू यादव के वकील देवर्षि मंंडल ने दावा किया कि आज लालू यादव को जमानत मिल जाएगी और वे जेल से बाहर आ जाएंगे। बताया गया कि लालू प्रसाद ने 8 फरवरी को सजा की आधी अवधि 42 माह 13 दिन पूरे कर लिए हैं। इसी आधार पर उच्च न्यायालय से जमानत की मांग की गई है। इधर सीबीआइ ने लालू की जमानत का पुरजोर विरोध किया है।
इस बार अगर लालू प्रसाद यादव को अदालत से जमानत मिलती तो वे जेल से बाहर आ जाते। लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले के पांच मामले चल रहे हैं। चार मामलों में उन्हें सजा मिली है। तीन मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल गई है। जबकि डोरंडा कोषागार वाले मामले अभी सीबीआइ कोर्ट में सुनवाई चल रही है। लालू प्रसाद की ओर से दाखिल जमानत याचिका में कहा गया है कि दुमका कोषागार मामले में सजा की अवधि पूरा कर चुके है। ऐसे में उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। लेकिन सीबीआइ इसका विरोध कर रही है। बता दें कि लालू प्रसाद का अभी दिल्ली स्थित एम्स में इलाज चल रहा है।
हालांकि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के लिए आज अहम दिन रहा। चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में झारखंड हाई कोर्ट में उनकी जमानत पर सुनवाई हुई, लेकिन राहत नहीं मिल सकी। बेल मिलने पर लालू जेल से बाहर आ जाते, क्योंकि पहले ही उन्हें तीन मामलों में जमानत मिल चुकी है। वे चारा घोटाले के चार मामलों में सजायाफ्ता हैं। सजा काटने के लिए उन्हें रांची के बिरसा मुंडा जेल भेजा गया है।
चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर 12 फरवरी को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई निर्धारित की गई थी। यह मामला जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हुआ। चारा घोटाले के दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में राजद प्रमुख लालू यादव को सीबीआइ कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है।
सजा की आधी अवधि पूरी करने का हवाला देते हुए लालू प्रसाद यादव ने हाई कोर्ट से जमानत देने का आग्रह किया है। शुक्रवार को लालू प्रसाद को जमानत मिलती है तो वे जेल से बाहर आ जाएंगे। लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले के पांच मामले चल रहे हैं। चार मामलों में उन्हें सजा मिली है। तीन मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल गई है। एक मामले में अभी रांची की सीबीआइ स्पेशल कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
लालू प्रसाद यादव की ओर से दाखिल जमानत याचिका में कहा गया है कि दुमका कोषागार मामले में वे जेल में 42 माह और 28 दिन रह चुके हैं, जो सजा की अवधि से ज्यादा है। ऐसे में उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। सीबीआइ इसका विरोध कर रही है। उनका दावा है कि लालू प्रसाद की आधी सजा अभी पूरी नहीं हुई है। इस कारण उन्हें जमानत नहीं मिल सकती।
आपको बताते चले कि पिछली सुनवाई में अदालत ने लालू प्रसाद को हिरासत से संबंधित दस्तावेज पेश करने का आदेश दिया गया था। लालू प्रसाद ने इसके लिए समय की मांग की थी। इसके बाद कोर्ट ने समय देते हुए मामले में सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तिथि निर्धारित की थी। लालू प्रसाद का अभी दिल्ली स्थित एम्स में इलाज चल रहा है। इसके साथ ही झारखंड हाई कोर्ट में स्वत: संज्ञान के आधार पर लालू के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में भी सुनवाई चल रही है। इस मामले में लालू की मेडिकल रिपोर्ट पेश नहीं करने पर रिम्स, रांची के डायरेक्टर को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है।
वही बिहार में लालू के बड़े बेटे राजद नेता तेज प्रताप यादव ने गुरुवार को अपने पिता लालू प्रसाद यादव को जेल से रिहा करने के लिए राष्ट्रपति को 50000 ‘आज़ादी पत्र’ भेजे। उन्होंने कहा कि हम लालू जी के अनुयायियों द्वारा लिखे गए इन पत्रों को एकत्र कर रहे हैं। यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक वह पटना में नहीं रहेंगे।