पटना| व्हीएसआरएस न्यूज: राजधानी में बुधवार की रात शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र के आइजीआइएमएस के पास गोली मारकर दवा कारोबारी वीरेन्द्र यादव की हत्या के विरोध में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। आक्रोशित लोग और स्वजन सड़क पर उतर आए। शव रखकर बेली रोड को जाम कर दिया। इस दौरान काफी देर तक आवागमन बाधित रहा। लोग अपराधियों की गिरफ्तारी करने की मांग कर रहे थे। आइजीआइएमएस में इलाज कराने के लिए आने वालों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित लोगों को समझाकर मामला शांत कराया।
आपको बताते सीएचएल कि बुधवार की रात आइजीआइएमएस के पास अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग से दवा कारोबारी वीरेन्द्र यादव को घायल कर दिया। वीरेंद्र को इलाज के लिए आइजीआइएमएस लाया गया मगर उन्होंने दम तोड़ दिया। वारदात में गोली लगने से 10 वर्ष का मासूम भी गंभीर रूप से जख्मी हो गया। उसे आइजीआइएमएस के इमरजेंसी में भर्ती कराया गया है। चिकित्सकों ने उसे खतरे से बाहर बताया है।
रंगदारी के कारण की हत्या!
सूत्रों की मानें तो वारदात का कारण रंगदारी का विरोध करना बताया जा रहा है। हालांकि अभी शास्त्रीनगर पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। वीरेन्द्र अस्पताल के पास का ही रहने वाला था। वह पार्टनरशिप में ही दवा की दुकान चलाता था। सचिवालय डीएसपी राजेश सिंह प्रभाकर ने बताया कि स्वजन ने धमकी देने वाले कुछ लोगों के नाम बताए हैं। पुलिस उसकी जांच कर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
रिवाल्वर लहराते फरार हो गए अपराधी
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बुधवार की देर शाम लगभग आठ बजे वीरेन्द्र पास के ही एक छोटे होटल में नास्ता कर रहा था। इसी बीच, दो बाइक पर सवार चार अपराधी वहां पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिग करने लगे। वीरेन्द्र की मौके पर ही मौत हो गई। इस फायरिग में पास में ही नास्ता कर रहा बेतिया जिले के बतौरा गांव के शेख सज्जाद का पुत्र अरबाज भी चपेट में आ गया। वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी रिवाल्वर लहराते हुए बाइक से फरार हो गए।
10 दिन पहले भी वीरेन्द्र की हत्या की हुई थी कोशिश
वही वीरेन्द्र शेखपुरा का रहने वाला बताया जा रहा है। वह रंगदारी का विरोध करता था। दवा दुकानदारों की तरफ से अपराधियों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। विरोध किए जाने के कारण अपराधी उसे टारगेट कर चुके थे। दस दिन पहले भी अपराधियों ने उसे मारने की कोशिश की थी, परंतु वह बाल-बाल बच गया था। वीरेन्द्र अपने पीछे पत्नी सहित एक 17 वर्ष की बेटी तथा 14 व 11 वर्ष का दो बेटे को छोड़ गए हैं।