Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे जिले के कई शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। जिले के स्कूलों के शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों का चरित्र सत्यापन हर पांच साल में किया जाएगा। स्कूली बच्चियों से रेप की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। प्रशासन की ओर से स्कूलों को भी ऐसे आदेश दिए गए हैं। भिगवां में जिला परिषद स्कूल (जेडपी स्कूल) में एक छात्रा के साथ अमानवीय घटना का खुलासा हुआ। उसके बाद देखा जा सकता है कि प्रशासन ने इस पर गंभीरता से संज्ञान लिया है। प्रशासन ने स्कूल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाने, सामने हेल्पलाइन नंबर फलक लगाने, शिकायत पेटियां रखने जैसे कदम उठाने का फैसला किया है। साथ ही छात्रों को गुड टच-बैड टच के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं। अब देखना होगा कि क्या प्रशासन के इस फैसले से स्कूल में लड़कियों पर हो रहे अत्याचार रुकते हैं।
आदेश में यह भी कहा गया है कि छात्रों को अपने माता-पिता की लिखित अनुमति के बिना किसी अजनबी से मिलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। प्रशासन की ओर से यह भी कहा गया कि सुरक्षा गार्डों को भी इसकी जानकारी दी जाए।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुष प्रसाद ने लिखित अपील में स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं। यौन उत्पीड़न की स्थिति में स्कूल को पीड़िता का पक्ष लेना चाहिए और उसकी मदद करनी चाहिए। यौन उत्पीड़न की घटना की सूचना उच्च कार्यालयों को भी दी जानी चाहिए। छात्रों को सूचित किया जाना चाहिए कि वे गोपनीय रूप से शिकायत कैसे दर्ज कर सकते हैं। सुरक्षा घंटियां लगाई जानी चाहिए। इन घंटियों को इतनी ऊंचाई पर स्थापित किया जाना चाहिए कि छात्रों के हाथ पहुंच सकें। यदि कोई शिकायत मिलती है तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाए। प्रशासन द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1089, पुलिस नंबर 100, महिला सुरक्षा नंबर 1090 और आपातकालीन नंबर 112 के संबंध में बोर्ड लगाने के निर्देश दिए जाएं।