Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे-मिराज रेलवे लाइन की दूसरी लाइन के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण का 100 प्रतिशत पूरा हो चुका है। कलेक्टर डॉ.राजेश देशमुख ने बताया कि रेलवे लाइन का कार्य भी अंतिम चरण में है। डबल लाइन पर रेल यातायात शुरू होने के बाद किसानों, व्यापारियों और कर्मचारियों को आवागमन में आसानी होगी और क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति मिलेगी। देशमुख ने व्यक्त किया।
पुणे-मिराज रेलवे की दूसरी लाइन की कुल लंबाई 280 किमी है। जिसमें से पुणे जिले में प्रभावित लंबाई 35 किमी है। इसके लिए जिले के 14 गांवों में कुल 18 हेक्टेयर जमीन की जरूरत थी। इसमें पुरंदर तहसील के अंबले, बेलसर, धलेवाड़ी, दौंडज, पिंपल खुर्द, वाल्हा, पिसुरती, थोपेतेवाड़ी, जेजुरी नाम के 9 गांव, हवेली तालुका के लोनी कलभोर, फुरसुंगी और वलती नाम के तीन गांव और दौंड तालुका के दो गांव दलिंब और तम्हनवाड़ी शामिल हैं।
अधिग्रहित भूमि में से 13.10 हे.आर. एक निजी भूमि थी तो 0.3475 सरकारी भूमि है और 4.55 हेक्टेयर. आर वन भूमि का हस्तांतरित किया गया है। इस परियोजना के लिए कलेक्टर डॉ.देशमुख के मार्गदर्शन में डिप्टी कलेक्टर भूमि अधिग्रहण समन्वय प्रवीण सालुके ने समन्वय बनाए रखते हुए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई को गति दी। दाउद पुरंदर अनुमंडल पदाधिकारी प्रमोद गायकवाड़ और हवेली अनुमंडल पदाधिकारी संजय असावले ने 8 माह में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली। इससे परियोजना की प्रगति में तेजी आयी है। राजस्व,वन विभाग,रेलवे के साथ-साथ नगर नियोजन एवं मूल्यांकन विभागों के समुचित समन्वय के कारण रेलवे तेजी से इस जमीन का कब्जा हासिल करने में सफल रहा।
रेलवे ने विस्तार के लिए जरूरी जमीन का कब्जा पहले ही ले लिया है और काम लगभग पूरा कर लिया है। पुणे/घोरपाड़ी-सासवड रोड, सासवड रोड-फुरसुंगी, फुरसुंगी-आलंदी, दौंड-वाल्हा, आलंदी-शिंदवाने, आंबले-राजेवाड़ी, राजेवाड़ी-जेजुरी, जेजुरी-दौंडज और वाल्हा-नीरा ब्लॉक खंडों में काम लगभग शत प्रतिशत पूरा हो चुका है। रेल विभाग ने बताया है कि तटबंध, छोटे-बड़े पुल, रेलवे क्रासिंग ब्रिज, अंडरपास आदि का कार्य प्रगति पर है।
भूस्वामियों को 47 करोड़ का मुआवजा
इस परियोजना के लिए बातचीत के माध्यम से निजी भूमि की खरीद की प्रक्रिया जून 2022 तक पूरी कर ली गई थी। जुलाई 2022 से शेष निजी भूमि को अनिवार्य रूप से अधिग्रहित करने की प्रक्रिया जोरों पर की गई। 6 गांवों के भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना 20 अक्टूबर तक जारी कर दी गई और 30 नवंबर तक अंतिम फैसले की घोषणा कर दी गई। वाल्हे नाम के एक गाँव की भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना, जो रह गई, 30 नवंबर को जारी की गई और हाल ही में फैसले की घोषणा की गई। इसके लिए कुल भूमि क्रय एवं भूमि अधिग्रहण के लिए भू-स्वामियों को 47 करोड़ 40 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है।
दोहरी रेल लाइन से रेल यातायात को गति मिलने से दैनिक यात्रियों, कर्मचारियों, व्यवसायियों आदि को लाभ होगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि जैसे-जैसे यात्रा का समय कम होगा, कृषि उपज और अन्य खराब होने वाली वस्तुएं बाजार में जल्दी पहुंचेंगी और नुकसान कम होगा और माल की अधिक कीमत मिलेगी। डबल रेलवे लाइन बन जाने से क्रासिंग का समय बचेगा, रेलवे लाइन पर ग्रामीणों को होने वाली असुविधा दूर होगी।