Pune पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) शिवसेना के पूर्व सांसद और शिरूर लोकसभा क्षेत्र के उपनेता शिवाजीराव अदलाराव पाटिल को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। आढवराव पाटिल ने नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बधाई देते हुए एक पोस्ट साझा किया था। उन पर पार्टी विरोधी होने का आरोप लगाया गया है। इस बीच आढवराव पाटिल ने इस पर टिप्पणी की है। उन्होंने बीती रात उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की थी। शिवाजीराव आढवराव पाटिल ने कहा कि इस बात का अंदाजा नहीं था कि उन्हें सुबह पार्टी से निकाल दिया जाएगा।
आढवराव पाटिल ने नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को फेसबुक पर बधाई दी। मुख्यमंत्री ’वॉयस ऑफ हिंदुत्व’ को बधाई। आढवराव ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ एक फोटो भी पोस्ट की है। चारों ओर वही पोस्ट है। इन्हीं शुभकामनाओं के चलते पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उन्हें सीधे शिवसेना से निकालने का कदम उठाया है। शिवसेना के मुखपत्र में प्रकाशित किया गया है। उद्धव ठाकरे और बागी एकनाथ शिंदे दोनों को कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं। खासकर आढवराव की फेसबुक पोस्ट पर पार्टी विरोधी होने का आरोप लगाया गया है। आज सुबह भी इस खबर ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है।
पुणे जिले में खासकर शिरूर लोकसभा में आढवराव की बड़ी मौजूदगी है। यहां से वह लगातार तीन बार सांसद बने हैं। लेकिन 2019 में एनसीपी के अमोल कोल्हे सांसद बने। नए प्रत्याशी की हार शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इसी तरह कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव हुए और महाविकास अघाड़ी से पहले राज्य में अभूतपूर्व सरकार बनी। तब से लेकर अब तक आढवराव और राकांपा के बीच शीत युद्ध कई बार देखा जा चुका है। शिरूर लोकसभा में महागठबंधन की नाकामी सामने आई। इसी तरह एकनाथ शिंदे के गुट ने विद्रोह कर दिया। इस मुश्किल समय में राकांपा और कांग्रेस ने एकमत से उद्धव ठाकरे का साथ दिया। हालांकि पार्टी नेता उद्धव ठाकरे ’जय महाराष्ट्र’ कर रहे थे। इसलिए पूरे राज्य में रैलियां करने का आदेश दिया गया। इसी के तहत शिरूर लोकसभा में पुणे जिला संपर्क प्रमुख सचिन अहिर की मौजूदगी में बैठक हुई। उद्धव ठाकरे के समर्थन में आयोजित एक रैली में आढवराव ने फिर से राकांपा विरोधी स्वर बनाए रखा। तो क्या अआढवराव के निष्कासन के पीछे फेसबुक पोस्ट ही एकमात्र कारण है? ऐसा सवाल भी किया जा रहा है।