पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) जनता पार्टी के पूर्व नेता,सहकारिता विशेषज्ञ और पूर्व सांसद संभाजीराव काकड़े का उम्रदराज के कारण निधन हो गया है। वह 89 वर्ष के थे। वह अपने पीछे पत्नी और 3 बच्चों का हरा भरा परिवार छोड गए है।वह बारामती के निंबुत गांव में एक कृषक परिवार से थे।
वह बारामती लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद चुने गए्। इससे पहले, उन्होंने एक विधायक के रूप में लोगों की सेवा की। वह जनता पार्टी और समाजवादी आंदोलन के कट्टर समर्थक थे। वह प्रदेश जनता दल के अध्यक्ष थे। उन्होंने पुणे जिले में आदिवासियों के लिए एक हिरदा प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन की स्थापना की थी। उन्होंने चीनी कारखानों और इसी तरह की सहकारी समितियों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
वे 1978 और 1982 में बारामती लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए्। उस समय महाराष्ट्र की राजनीति में संभाजीराव काकड़े को वरिष्ठ नेता शरद पवार का कट्टर विरोधी माना जाता था। कार्यकर्ताओं के बीच लाला के नाम से मशहूर संभाजीराव पिछले कुछ सालों से राजनीति से अलग थे,लेकिन उनकी राजनीतिक गतिविधियों पर कड़ी नजर थी। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता परामर्श के लिए और उनके अनुभवों को सुनने के लिए उनके पास आते थे। बारामती तहसील के काकड़े कबीले को महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे धनी कबीलों में से एक माना जाता है।
संभाजीराव ने राज्य स्तर पर अपने नेतृत्व के कई प्रभाव बनाए है। पूर्व मंत्री बबनराव पचपुते,बबनराव धाकने,किसनराव बांकेले,संभाजीराव पवार और अन्य इसमें शामिल है।संभाजीराव पहली बार 1971 में विधान परिषद के माध्यम से विधायक बने। उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस नेता रंगाराव पाटिल को हराया था। यह चुनाव काकड़े ने एक स्वतंत्र के रूप में लड़ा था। रंगराव पाटिल के लिए यशवंतराव चव्हाण के प्रयासों के बावजूद काकड़े को उस समय चुना गया था।