पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड़ शहर में निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना मरीजों की लूट खुले आम शुरू है ऐसे अस्पतालों पर न प्रशासन कोई कर्रवाई करता नजर आ रहा है और नहीं ऐसे अस्पतालों को किसी का खौफ रहा है।
पिंपरी चिंचवड़ शहर के आकुर्डी इलाके में स्थित स्टार c द्वारा कोरोना मरीज की लूट का फिर एक नया मामला सामने आया है।कोरोना मरीज के मौत के बाद भी अस्पताल कर्मियों ने 3 दिन तक शव को आयसीयू में इलाज के नाम पर लाखों का बिल वसूले। इस घटना के बारे में मुस्तफा अब्दुल गफ्फार तंबोली ने निगड़ी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर अमित वाघ और कैशियर के खिलाफ निगडी पुलिस ने एक महिना बाद् यह मामला दर्ज हुआ है। आगे की जांच निगडी पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरिक्षक पी डी आरदवाड कर रहे है।
पुलिस के अनुसार,आरोपी तंबोली की मां मुमताज अब्दुल गफ्फार तंबोली को कोरोना के लक्षणों का अनुभव होने के बाद इलाज के लिए अकुर्डी के स्टार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस बीच उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया। इलाज के दौरान तंबोली की मां की 24 अगस्त की रात करीब 10.30 बजे मौत हो गई। तम्बोली की मां को 24 अगस्त को रात 10 बजे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। फिर भी अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल के बिल में 25 अगस्त तक बिल बना दिया। एक अज्ञात व्यक्ति जिसने अपने स्वयं के वित्तीय लाभ के लिए बिल बनाकर पैसे स्वीकार किए, साथ ही वेंटिलेटर के लिए 9,000 रुपये का अतिरिक्त बिल स्वीकार किया। मृतक परिजन ने आखिरकार अस्पतालकर्मी के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया।अब देखना यह होगा कि आखिर पुलिस प्रशासन और पालिका प्रशासन क्या कार्रवाई करेगा?
राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रायवेट अस्पतालों की मनमानी बिल वसूली पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिए है। इसके बावजूद मरीजों की लूट,मनमाना बिल वसूली,अब मरने के बाद दो तीन दिन अस्पताल में रखकर बिल बढाने की घटना सामने आ रही है। पालिका आयुक्त और उनकी मेडिकल टीम की जवाबदेही बनती है कि ऐसे बेलगाम अस्पतालों के लाइसेंस रद्द करके सील ठोंकने का काम करें। कोरोना काल में आयुक्त को पूरा अधिकार सौंपा गया है। फिर क्या कारण है कि आकुर्डी के स्टार हॉस्पिटल की मनमानी पर कडी कार्रवाई क्यों नहीं होती?