पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षकों की भर्ती करने वाले शिक्षकों के एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है। मामले में कई शिक्षा संस्थान चालक,शिक्षक संघ के अधिकारियों के साथ-साथ शिक्षा विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। मामले में अब तक 28 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। इनमें पुणे पालिका के तत्कालीन शिक्षा अधिकारी रामचंद्र जाधव,मीनाक्षी राउत,शिक्षा विभाग के तत्कालीन उप निदेशक,संभाजी क्षीरसाठ,क्रांति शिक्षा संगठन,पुणे जिला परिषद के प्रमुख और पुणे और पिंपरी चिंचवड़ पालिका के अधिकारी शामिल हैं। महत्वपूर्ण रूप से पुणे सत्र न्यायालय ने इन 28 व्यक्तियों की गिरफ्तारी से पहले की जमानत की अर्जी खारिज कर दी अब गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।
18 स्कूलों में 113 शिक्षकों की भर्ती
घोटाले का दायरा पुणे पालिका, पिंपरी-चिंचवड़ पालिका और जिला परिषद के स्कूलों में है। हालांकि राज्य भर में शिक्षकों की फर्जी भर्ती होने की संभावना है। इसलिए पुलिस ने अनुमान लगाया है कि इस घोटाले का दायरा बढ़ सकता है।अब तक पुणे जिले के 18 स्कूलों में फर्जी तरीकों से 113 शिक्षकों की भर्ती की जा चुकी है। मामले की जांच कर रहे पुणे जिला परिषद विस्तार अधिकारी किसान भुजबल पर जांच नहीं करने का दबाव डाला गया है,इसलिए उनके लिए पुलिस सुरक्षा लेने का समय आ गया है।
फर्जी शिक्षक के नाम पर सरकारी वेतन भूगतान
हालाँकि यह गलत तरीके से दिखाया गया था कि इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षक इस घोटाले को अंजाम देने के लिए 2012 से काम कर रहे हैं। इन शिक्षकों को उनके नाम पर भुगतान किया गया था जब वे वास्तव में मौजूद नहीं थे। कुछ मामलों में, गैर-अनुदानित स्कूलों के शिक्षकों को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके अनुदानित स्कूलों में स्थानांतरित किया गया था।
शिक्षा संस्थानों के निदेशकों के इस फर्जीवाड़े को शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने समय-समय पर अनुमोदित करके मदद की।