पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे जिले में दीपक सरोटे की खेती की जमीं को कुछ लोगों ने धोखाधड़ी कर अपने नाम कर लिया है।यह मामला शिरगांव परिसर के दारुंबे का है।दीपक सरोटे का कहना है कि खेती की जमींन उनके दादा परदादा से उन्हें मिली थी। खेतों में उन्होंने फसल भी लगाई हुई थी लेकिन दत्तात्रय मारुती शीलवने,मिलिंद शीलवने,लक्ष्मी शीलवने,विकास कामले,विकास कमल,कालूराम पवले,गोरख पवले,अक्षय पवले नामक व्यक्तियों ने उनकी जमींन के फर्जी डुप्लीकेट सिग्नेचर और धोखाधड़ी कर हड़प कर ली है। ऐसा आरोप दिपक सारोटे ने पत्रकार परिषद में लगाया।
सरोटे ने आगे कहा कि इतना ही नहीं उनके खेतों में खड़ी फसल भी बरबाद कर दी गई है। जबरन मई और जून महीने में नुकसान पहुंचते हुए 2 लाख रुपयों का नुकसान किया है। यह सारा मामला होने के बावजूद न्याय नहीं मिल रहा और आरोपियों को बचाया जा रहा है। ऐसा दिपक सरोटे का कहना है। इस मामले में शिरगांव चौकी के पुलिस निरीक्षक किशोर म्हसवडे से न्याय की गुहार लगाईं थी लेकिन उन्हें वहां से कोई न्याय नहीं मिला। इसके बाद दिपक सरोटे पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे और पुलिस आयुक्त से मुलाकात की और अपने ऊपर हो रहे अन्याय के बारेे में अवगत कराया और न्याय की मांग की। पुलिस कमिश्नर से न्याय की गुहार करते हुए दीपक सरोटे ने पुलिस निरीक्षक किशोर म्हसवडे पर भी आरोप लगाए कि पुलिस निरीक्षक और उनके साथी ने न्याय देने के बजाय मामला न्यायालयीन विचाराधीन है ऐसा कहकर मामले की जाँच टाल दी। दीपक सरोटे की मांग है कि पुलिस निरीक्षक और सहायक पुलिस निरीक्षक पर आयपीएस के तहत करवाई हो और उन्हें जमींन के मामले में न्याय मिले।
दीपक सोरटे पिछले डेढ साल से न्याय मांगने के लिए दर दर भटक रहे है। अब तक इस मामले में 9 शिकायत पत्र दे चुके है। लेकिन पुलिस आयुक्त से मिलने के बाद दीपक सरोटे को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। उनका कहना है कि कमिश्नर ने गंभीरता से उनकी बात सुनी और इस मामले की जांच के आदेश दिए है।