पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को आक्रामक देखा गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के प्रबंधन परिषद के खिलाफ एक सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन किया गया।अभाविप कार्यकर्ताओं ने प्रबंधन परिषद की बैठक में हंगामा किया और नारेबाजी की छात्रों के हित के मुद्दों पर चर्चा की कमी का आरोप लगाया। यह आरोप लगाया गया था कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से प्रबंधन परिषद की बैठक में किसी छात्र हित की चर्चा नहीं की गई थी। छात्र पिछले 6 महीनों से परीक्षा शुल्क की वापसी के लिए आंदोलन कर रहा है और अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
स्वायत्तता के मुद्दे पर विश्वविद्यालय चुप क्यों है?
अभविप ने यह भी सवाल किया कि सरकार विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर हमला कर रही है और विश्वविद्यालय इस पर चुप है। यह आरोप लगाया गया था कि छात्रों के पैसे पर राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे थे। सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन परीक्षा से पहले एक छात्र सहायता केंद्र स्थापित करने का कोई निर्णय नहीं लिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कहा है कि विश्वविद्यालय को इस बैठक में परीक्षा शुल्क की वापसी के बारे में निर्णय लेना चाहिए,अन्यथा उसे बैठक आयोजित करने का कोई अधिकार नहीं है।
अभाविप का आंदोलन पहले भी
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने परीक्षाओं में आने वाली कठिनाइयों पर पुंगी बजाव अंदोलन कर चुके है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 5 घंटे से अधिक समय तक पुंगी बजाव आंदोलन किया। 10 नवंबर तक 95 प्रतिशत परिणाम जारी किए जाएंगे। कोई भी छात्र परीक्षा से वंचित नहीं रहेगा। जिन छात्रों के पेपर गायब हैं। कुलपति नितिन कर्मलकर ने आश्वासन दिया कि वे इस संबंध में उचित कार्रवाई करेंगे।